सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा मामले की सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सौंपी गई .
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा मामले की सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट पर एक बार फिर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि हमने 10 दिन का समय दिया है. इसके बाद भी स्टेटस रिपोर्ट में कुछ नहीं है. सिवाय यह कहने के कि गवाहों का परीक्षण किया गया है.
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कोर्ट ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन केवल आशीष मिश्रा का फोन ही जब्त किया गया है. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अन्य आरोपियों ने बताया कि वे फोन नहीं रखते. इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने स्टेटस रिपोर्ट में ये कहां लिखा है?
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लैब की रिपोर्ट भी पेश नहीं
कोर्ट ने लखीमपुर मामले में लैब की रिपोर्ट भी पेश नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए. इस पर सरकार ने कहा कि 15 नवंबर को लैब की रिपोर्ट आएगी, जिसके बाद अदालत ने शुक्रवार को अगली सुनवाई का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार शुक्रवार तक अपना रुख स्पष्ट करे.