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कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों में नए मामलों में गिरावट दर्ज हुई थी। जिसके बाद कहीं न कहीं लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी। लेकिन फिर एक बार 50 हज़ार के पार चला गया देश में कोरोना के आंकड़ें 83 लाख के पार पहुंच गए हैं। साथ ही करीब 1 लाख 25 हज़ार लोगों की इस महामारी के चलते मौत हो चुकी है। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस बीमारी को बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर रहे हैं और सभी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग आदि किसी चीज़ का ध्यान नहीं रख रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खतरा अभी टाला नहीं है।
अभी हाल ही में हुई दर्दनांक घटना ने सभी का दिल दहला दिया है। कोरोना के कारण टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उनके परिवार के कई सदस्यों की मौत हो गई जिसके बाद से टेबल टेनिस फेडरेशन के लोगों को भारी सदमा पहुंचा है।
मिली जानकारी के बाद कई दिनों से कोरोना के कारण चल रहा था। लेकिन शनिवार को इलाज के दौरान विजयवाड़ा अस्पताल में उनका निधन हो गया, उससे एक दिन पहले ही उनकी पत्नी का निधन हो गया, उसके एक दिन बाद उनके बेटे जावेद का निधन हुआ, और सुल्तान मूसवीकी मौत से दस दिन पहले उनकी मां का भी निधन हो गया था, सभी कोविड-19 से पीड़ित थे। कोरोना पूरे परिवार पर कहर बनकर टूट पड़ा।
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुल्तान मूसवी ने न केवल अपने आंध्र प्रदेश में ही, बल्कि पूरे भारत में टेबल टेनिस के खेल को बढ़ावा देने के लिए अपनी जी जान एक कर दी थी। वो दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थाबने। 2011 में आंध्र प्रदेश टेबल टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में उनके उत्तराधिकारी भास्कर राम विश्वनाथम ने सुल्तान मूसावी को लेकर बहुत सी बातें बताई।
सुल्तान मूसवी 2010 आईटीटीएफ वर्ल्ड कैडेट चैलेंज में और 2012 आईटीटीएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में हैदराबाद में होने वाले दोनों कार्यक्रमों में सबसे आगे थे। उन्होंने खुद को सही मेजबान साबित किया, हमेशा सकारात्मक रहने वाले शांत व्यक्तित्व के व्यक्ति थे।
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