क्या द जंगल बुक का मोगली असली था?, क्या
क्या द जंगल बुक का मोगली असली था?, क्या "द जंगल बुक" एक असली भारतीय बच्चे पर आधारित थी , जिसे एक भेड़िये ने पाला था? तो आज जो आपको मैं, बताने जा रही हूं, शायद ये सुन कर आप हैरान हो सकते हैं.
तो ये हैं दीना शनिचर, एक जंगली आदमी, जिसे रियल लाइफ मोगली के नाम से जाना जाता है. इंग्लिश में जंगली आदमी को फेरल मैन कहते है, अब सबसे पहले ,मैं आपको बता दूं कि फेरल मैन या जंगली आदमी किसे कहते है फेरल चिल्ड्रन या जंगली बच्चे वो होते हैं जिन को जन्म के समय उनके माता पिता छोड़ देते है, और वो मनुष्यों से अलग हो जाते है, और जानवरों द्वारा पाले पोसे जाते है. तो बात फरवरी 1867 की है , जब शिकारियों के एक समूह ने दीना को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक जंगल के अंदर भेड़ियों की संगति में देखा और उसके बचाव के लिए आगे बढे.
उन्होंने दीना के भेड़िया मां को मार डाला और दीना को आगरा के सिकंदरा मिशन अनाथालय में भर्ती कराया. जहां उन्हें "शनिचर" नाम दिया गया था क्योंकि वे शनिवार के दिन वहां पहुंचे थे. हिस्टोरिकल डाटा से पता चलता है कि जिस समय वह मिला था उस समय उसकी उम्र 6 से 10 साल के बीच थी. मोगली से अलग मानव समाज में दीना का एडजस्ट होना एक फैरयटाले कहानी नहीं थी. जिसको कई समय तक , कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं दीना अपने चारों पैरों से चलता था, केवल कच्चा मांस खाता था और कपड़े पहनने से नफरत करता था. वह बोल भी नहीं सकता था, लेकिन वह भेड़िये की तरह आवाज करता था और अपनी बातें समझाता था.
लोगों का कहना था कि उन्होंने भेड़ियों द्वारा उठाये और पाले गए एक बच्चे को छोड़कर, दूसरे किसी बच्चे के साथ बंधना और दोस्ती करना मुश्किल था लेकिन उनके इकलौते दोस्त की अनाथालय पहुंचने के कुछ महीनों के भीतर ही मौत हो गई. दीना ने कठिनाइयों के साथ, समय के साथ कुछ मानवीय आदतों को अपनाया, जैसे पका हुआ खाना खाना, तंबाकू पीना, लेकिन एक शब्द बोलना कभी नहीं सीख पाए. दीना शनिचर एक भारी धूम्रपान करने वाले जंगली आदमी थे , वह कथित तौर पर 1895 में TB यानि की Tuberculosis से मरे.
विलियम हेनरी स्लीमैन जो एक सैनिक और ब्रिटिश भारत में प्रशासक थे, उन्होंने अपनी बुक , द जर्नी थ्रू द किंगडम ऑफ ओड,में 1848-1850 तक, भारत में जंगली बच्चों के छह मामलों का डॉक्यूमेंटेशन किया. एक आयरिश जियोलॉजिस्ट , वैलेंटाइन बॉल ने 1880 में अपनी बुक , जंगल लाइफ इन इंडिया में दीना का मामला दर्ज किया. दीना उस समय अडूलठूड में जीवित रहने वाले एक जंगली व्यक्ति का एकमात्र डॉक्युमेंटेड केस थे. यह अब लोकप्रिय रूप से माना जाता है कि दीना शनिचर वास्तविक जीवन के मोगली थे जिन्होंने रुडयार्ड किपलिंग की "द जंगल बुक" को प्रेरित किया था.