दशहरे पर असली और नकली शिवसेना की शक्ति प्रदर्शन में शिंदे गुट आगे

शक्ति प्रदर्शन में शिंदे गुट के साथ मंच पर जो लोग नजर आए. वह ठाकरे के लिए और बड़ा झटका के रुप में माना जा रहा है. उद्धव के परिवार के लोग ही उद्धव गुट में शामिल नहीं हुए. उद्धव ठाकरे के लिए यह हैरान कर देने वाला पल था.

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दशहरे का दिन शिवसेना के लिए अहम दिन माना जा रहा था. क्योंकि दशहरे के अवसर पर असली और नकली शिवसेना की लड़ाई के बीच उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे का शक्ति प्रदर्शन था. एकनाथ शिंदे ने शक्ति प्रदर्शन के लिए बांद्रा कुर्ला कॉमप्लेक्स (बीकेसी) को चुना था. वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने मुबंई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में गरजे. इस दौरान शक्ति प्रदर्शन में शिंदे गुट के साथ मंच पर जो लोग नजर आए. वह ठाकरे के लिए और बड़ा झटका के रुप में माना जा रहा है. उद्धव के परिवार के लोग ही उद्धव गुट में शामिल नहीं हुए. उद्धव ठाकरे के लिए यह हैरान कर देने वाला पल था. बता दें कि ठाकरे परिवार के लोग शिंदे के साथ नजर आए और परिवार के एक-एक लोग शिंदे गुट में शामिल हो रहें हैं. ठाकरे परिवार के ये लोग न सिर्फ मंच पर दिखे, बल्कि एकनाथ शिंदे ने उन्हें अपने बगल में बैठाया. उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जय़देव ठाकरे, उनकी अलग हो चुकी पत्नी स्मिता ठाकरे और बेटे निहार शिंदे की सभा में मंच पर एक साथ दिखाई दिए. इसके साथ ही शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दीघे की बहन भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली में मौजूद रहीं. 

 ठाकरे परिवार को शिंदे ने बगल में बिठाया

दशहरा के अवसर पर शिंदे गुट के शाक्ति प्रदर्शन में स्मिता ठाकरे अपने बेटे निहार के साथ कार्यक्रम स्थल पर सबसे पहले पहुंचीं. कुछ देर बाद उद्धव के बड़े भाई और स्मिता के अलग हुए पति जयदेव ठाकरे भी पहुंचे और उन्हें सीधे मंच पर ले जाकर शिंदे के बगल में बिठाया गया. निहार ठाकरे ना सिर्फ बालासाहेब ठाकरे के पोते हैं बल्कि बीजेपी नेता और 1995 से 2009 तक मंत्री रहे हर्षवर्धन पाटील के दामाद भी हैं.

बाल साहेब का पर्सनल स्टाप शिंदे गुट में शामिल

इससे पहले सितंबर में बाल साहेब ठाकरे के पर्सनल स्टाप चंपा सिंह थापा बागी एकनाथ शिंदे के साथ हो गए थे. उनके साथ ही बाला साहब ठाकरे के टेलिफोन ऑपरेटर मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में आ गए थे. जब तक बाला साहेब सक्रिय राजनीति में थे, दोनों उनके घर मातोश्री में उनके पर्सनल स्टाफ थे.

शिंदे के 4-5 मुद्दे पसंद 

जयदेव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'वह मेरे प्यारे एकनाथ शिंदे हैं. पिछले कुछ दिनों से मुझे फोन आ रहे हैं कि क्या मैं शिंदे समूह में शामिल हो रहा हूं. मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जिसे किसी से बांधा जा सके. मुझे एकनाथ के उठाए गए 4-5 मुद्दे पसंद हैं, और इसलिए मैं यहां आया हूं. वह किसान की तरह बहुत मेहनती है.

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