राजस्थान और पंजाब में फिर से बच्चे स्कूल में पढ़ाने की शुरूआत करने वाले हैं। आइए जानते हैं कि किन नियमों का उन्हें करना होगा कड़ा पालन।
कोरोना के चलते लॉकडाउन में बच्चे अपने घरों में ही कैद रहते थे। ऑनलाइन उनकी कई घंटों तक क्लासेज हुआ करती है। लेकिन अनलॉक की प्रकिया के बाद कई राज्यों ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल नए साल से शुरू कर दिए हैं। इसी के चलते अब पंजाब में सात जनवरी से स्कूल खुलेंगे। इसके अलावा गुजरात और राजस्थान में भी इस महीने स्कूल खुल जाएंगे। लेकिन उन्हें चार रूल का सख्ती से पालन करना होगा।
पंजाब के शिक्षामंत्री विजय इंदर सिंगला का कहना है कि छात्रों और टीचरों की डिमांड के चलते ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जा रहा है। लेकिन बाकी क्लासेज के लिए स्कूल अभी भी बंद रहेंगे ताकि स्कूलों में छात्रों की गिनती नियंत्रित हो। लेकिन स्कूल में रहते हुए उन्हें सभी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।
डेस्टेंसिंग के नियमों को ध्यान में रखकर ही क्लासेज में सिटिंग अरेंजमेंट की जाएगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्कूलों को ये निर्देश दिया है कि छात्रों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए ये घोषणा कर दी थी कि माध्यम से राज्य में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के स्कूल 18 जनवरी से खोल जाएंगे। इतना ही नहीं ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए भी यूनिवर्सिटी और कॉलेज 18 जनवरी से खुलेंगे। लेकिन पहले दिन 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स और बाकी दिन 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स क्लास में शामिल होंगे।
आइए जानते हैं कि राजस्थान में किन नियमों का पालन किया जाएगा
- सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार छात्रों को स्वैच्छिक रूप से कोचिंग संस्थान जाने की अनुमति होगी।
- कक्षाएं स्कूल में अटेंड करने से पहले छात्रों के माता-पिता और अभिभावक से लिखित सहमति हासिल करना जरूरी होगी।
- ऑनलाइन/ डिस्टेंस लर्निंग की पढ़ाई को ही प्राथमिकता दी जाएगी और इसे आगे बढ़वा दिया जाएगा।
- जहां ऑनलाइन क्लॉसेज चला जा रही है और वहां जहां विद्यार्थी भौतिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन क्लॉसेज की उपस्थिति को प्राथमिकता देते हैं, तो उन्हें इसके लिए अनुमति दी जाएगी।