सौरव गांगुली की एंजियोप्लास्टी के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया है। बताया जा रहा है कि सौरव गांगुली की सेहत में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली जिन्हें बुधवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद कोलकाता के अपोलो हाॅस्पिटल में भर्ती करवाया गया था जिसके गुरूवार को उनकी एंजियोप्लास्टी की गई। वही सौरव गांगुली की एंजियोप्लास्टी के बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कराया गया है। बताया जा रहा है कि सौरव गांगुली की सेहत में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा हैं। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सौरव गांगुली का हाल-चाल जानने के लिए हाॅस्पिटल पहुंची। इसके साथ-साथ एंजियोप्लास्टी होने के बाद डॉक्टरों की टीम लगातार सौरव गांगुली की लगातार देखभाल कर रही हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट करके दी जानकारी
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने एक ट्वीट करके बताया कि उन्होंने कोलकाता के अपोलो हाॅस्पिटल में एडमिड सौरव गांगुली के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ली हैं। इसके साथ ही डॉक्टरों और परिवारों के सदस्यों का कहना है कि अब उनकी तबियत पहले के मुताबिक ठीक हैं। यही नहीं सबही लोग दादा के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
जनवरी में दूसरी बार पड़ा दिल का दौरा
सौरव गांगुली को 2 जनवरी को जीम में वर्कआउट के दौरान दिल का दौरा पड़ा था।इसके बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां पर उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी वही उनके दिल में आए तीन अवरोधों को हटाने की जगह सिर्फ एक ही अवरोध हटाया गया और एक स्टेंट लगाया गया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने बताया था कि सौरव गांगुली की सेहत काफी ठीक थी। ऐसे में उन्हें बाकी के स्टेंट लगाने की कोई जरुरत नहीं थी।
र्डियोलॉजिस्ट देवी शेट्टी ने कही थी ये बात
पहली बार एंजियोप्लास्टी होने के बाद हाॅस्पिटल से छुट्टी दिए जाने के बाद उनकी सेहत पर फेमस कार्डियोलॉजिस्ट देवी शेट्टी ने कहा था कि सौरव गांगुली पूरी तरह से हेल्थी हैं। इसके साथ ही वह विमान भी उड़ा सकते हैं। इसके अलावा सौरव गांगुली अपने हर सपने और इच्छा को पूरा कर सकते हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने यहां तक कहा कि वे एक नाॅर्मल व्यक्ति की तरह एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। जिससे सौरव गांगुली को किसी भी तरह की कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। वही यह ऐसी परेशानी है जो ज्यादातर भारतीयों को किसी ना किसी मोड़ पर होती है।