सत्यपाल मलिक की ओर से किए गए दावे को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमला बोलने से नहीं चुका. लेकिन इस मामले में खुद सत्यपाल मलिक ने दिलचस्प खुलासा किया कि उन्हें सीबीआई ने समन नहीं भेजा है बल्कि स्पष्टीकरण मांगा है.
जम्मू-कश्मीर केव पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चा में बने रहते हैं. बीते दिनों उन्होंने एक इंटरव्यू में पुलवामा हमले लेकर को बड़ा बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन्होंने एक बयान और दिया था. उनके इस बयान ने देश में भूचाल ला दिया. दरअसल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि, दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई.
इस बयान के बाद सीबीआई ने सत्यपाल मलिक को समन भेजा था. लेकिन अब सत्यपाल मलिक मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. उन्होंने एबीपी से बातचीत के में कहा कि, वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के दफ्तर नहीं जाएंगे. बल्कि सीबीआई के अधिकारी खुद उनसे मिलने के लिए घर आने वाले हैं.
सीबीआई ने मांगा स्पष्टीकरण
सत्यपाल के मलिक की ओर से किए गए इस दावे को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमला बोलने से नहीं चुक रहा है. लेकिन इस मामले में खुद सत्यपाल मलिक ने दिलचस्प खुलासा किया कि उन्हें सीबीआई ने समन नहीं भेजा है. बल्कि स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा है कि 'सीबीआई की ओर से उन्हें कोई समन नहीं मिला है बल्कि यह कोरी अफवाह है. सीबीआई उनसे वेरिफिकेशन करने के लिए आने वाली है. सीबीआई के अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई थी.
राजस्थान जाएंगे सत्यपाल मलिक
बता दें कि इस मामले में सीबीआई की ओर से 27 या 28 अप्रैल का समय मांगा गया था. लेकिन 27-28 अप्रैल को सत्यपाल मलिक राजस्थान में रहने वाले हैं. यही वजह है कि 28 अप्रैल के बाद सीबीआई के अधिकारी उनके घर पहुंच कर उनसे क्लेरिफिकेशन ले सकते हैं.
क्या है मामला
बता दें कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. इसी 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के मामले में सीबीआई मलिक को पूछताछ के लिए समन भेजा है.