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सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु ए कातिल में है. भारत के महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल जी की यह पंक्तियां सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. आजादी के इतने सालों बाद भी लगता है कि हमें आजादी मिलना कल की ही तो बात है, जब हमारे देश के क्रांतिकारियों ने हमारे देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपनी जान तक दे दी. उन्हीं शहीदों की याद और अंग्रेज़ों से आजादी मिलने की खुशी में 15 अगस्त बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन हम भारतवासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है.
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा...
आइए अपने देश का तिरंगा लहराएंगे, भक्ति गीत गुनगुनाए, आप सभी को 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएं, देते हुए कहना चाहूंगी कि आजादी का मतलब वही समझ सकता है जिसने कभी किसी की गुलामी बर्दाश्त कि हो. हम सब खुश नसीब है कि हमें हमारे देश के क्रांतिकारियों की वजह से स्वतंत्र भारत में खुलकर जीने का मौका मिला है.
हमारे देश के क्रांतिकारियों ने आजादी से पहले ही सभी देशवासियों के मन में आजादी के लिए जो आग अंदर जगाई थी, उसी आग ने हमें आजादी दिलाई.आजादी से पहले लोगों ने अपनी हकों को पहचानना शुरू तो कर दिया था लेकिन ब्रिटिश के डर से और अपने अधिकारों का कैसे प्रयोग करें इसकी समझ नहीं थी जिसकी वजह से उन्हें काफी प्रॉब्लम्स को भी फेस करना पड़ता था लेकिन इन सब चीजों के बावजूद हमारे देश के क्रांतिकारियों ने हमारे देश को स्वतंत्र भारत बनाने के लिए अपनी जान बाजी लगा दी. और एक स्वतंत्र भारत का निर्माण किया. जिसके बाद लोगों ने अपने हक को पहचाना और उनके लिए लड़ना सीखा.
आजादी के बाद सबसे अच्छी बात ये हुई कि लोगों ने पढ़ाई लिखाई कि इंपॉर्टेंस को समझा, आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि आजादी से पहले पढ़े लिखे लोगों की गिनती केवल 18% थी और वही आजादी के बाद 78 प्रतिशत हो गई, तो देख रहे हैं ना आप सभी की आजादी के बाद लोगों ने कैसे पढ़ाई को अपने आगे बढ़ने का रास्ता बनाया.
आजादी के बाद हमें मतदान का अधिकार मिला जो कि आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार हमारे लोगों को नहीं देती थी और अगर हमें हमारे अधिकार मिल जाते तो सोचो वे हम पर गुलामी कैसे कर पाते.
आजादी के बाद हमने अपनी अर्थव्यवस्था को समझा और उस पर जमकर काम किया, वहीं महिलाओं को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया, राजनीति की बात करें तो अब महिलाओं का भी राजनीतिक में बढ़-चढ़कर हिस्सा देखने को मिलता है हमारे इंडिया को डिजिटल इंडिया बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है
जय हिन्द!
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