देश भर में बिजली की मांग में भारी वृद्धि के कारण रेल मंत्रालय ने 24 मई तक करीब 670 फेरे वाली पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया है. इनमें 500 से ज्यादा लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं.
देश भर में बिजली की मांग में भारी वृद्धि के कारण कोयले की आवश्यकता भी बढ़ गई है, रेलवे ने पिछले कुछ हफ्तों में प्रतिदिन लगभग 16 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया है ताकि विभिन्न कोयला ढोने वाली ट्रेनों को अतिरिक्त मार्ग प्रदान किया जा सके. अब रेल मंत्रालय ने 24 मई तक करीब 670 फेरे वाली पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया है. इनमें 500 से ज्यादा लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं.
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रेलवे ने कोयला रेक (ट्रेनों) की औसत दैनिक लोडिंग 400 से अधिक बढ़ा दी है, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक है. प्रत्येक रैक में लगभग 3,500 टन कोयला ले जाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि बिजली संयंत्रों में स्टॉक सुधारने और जुलाई-अगस्त में किसी भी तरह के संकट से बचने के लिए यह कवायद कम से कम दो महीने तक जारी रहेगी. अगर बारिश शुरू होने पर कोयला खनन में कमी आती है तो स्थिति पर फिर से विचार किया जाएगा.
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यात्री ट्रेनों को रद्द करने के खिलाफ प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर यात्री ट्रेनों को रद्द करने को लेकर भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मुद्दे पर रेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'स्थिति बहुत कठिन है. हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि अगर बिजली संयंत्रों को तुरंत कोयले की आपूर्ति नहीं की गई, तो स्थिति भयावह हो सकती है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिजली संयंत्रों को कोयले की कमी न हो और कोई ब्लैकआउट न हो.