एक और ट्रेन हादसा हाल ही में हुआ है, जिसके बारे में जानकर इस वक्त हर कोई हैरान है। एलीपीजी ले जा रही टैंकर ट्रैन की दो बोगियां अचानक से ही पटरी पर उतर गई। रात को करीब दस बजे 6 जून को ये दुर्घटना घटी थी।
एक और ट्रेन हादसा हाल ही में हुआ है, जिसके बारे में जानकर इस वक्त हर कोई हैरान है। एलीपीजी ले जा रही टैंकर ट्रैन की दो बोगियां अचानक से ही पटरी पर उतर गई। रात को करीब दस बजे 6 जून को ये दुर्घटना घटी थी। ये पूरा मामला शाहपुरा भिटोनी थाने का बताया जा रहा है। इस पूरे मामले में हादसे के बाद जबलपुर रेल मंडल के कंट्रोल कार्यालय में मौजूद अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। दोनों की घटनाओं से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है।
दरअसल मालगाड़ी के एलपीजी रेक के दो डिब्बे 6 जून की रात अनलोडिंग के लिए रखे जाने के वक्त पटरी से उतर गए थे। तभी ट्रेनों की कोई मेन लाइन आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। मेन लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही इसके बावजूद सामान्य है। सीपीआरओ पश्चिम मध्य रेलवे ने बताया कि रात में कोई भी काम नहीं किया गया। साइडिंग अधिकारियों की मौजूदगी में सूर्योदय के बाद बहाली का काम शुरू हुआ।
अचानक पटरी से उतरी ट्रेन
आपकी जानकारी के लिए बताया जा रहा है कि भारत पेट्रोलियम गैस से भरे करीब 40 वैगन को लेकर रिवर्स हो रही ट्रेन के दो वैगन अचानक पटरी से नीचे उतर गए। घटना की जानकारी लोको पायलट के सीधे शहपुरा भिटौनी स्टेशन और जबलपुर मुख्य स्टेशन में दी, जिसके बाद खतरे का सायरन बजा और फिर दुर्घटना राहत ट्रेन जबलपुर से प्लांट पहुंची।
बालासोर को लेकर कोई फैसला नहीं?
इन सबके अलावा बालासोर में हुए हादसे पर ‘संयुक्त जांच रिपोर्ट’ पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल एक वरिष्ठ रेलवे इंजीनियर ने असहमति नोट दिया है। जांच रिपोर्ट में दुर्घटना के लिए सिग्नल की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया था, अधिकारी ने एक ‘डेटालॉगर’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए मुख्य लाइन लेने के लिए सिग्नल हरा था न कि लूप लाइन पर जाने के लिए।