प्रिंस फिलिप अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. यहां जानिए संघर्ष के बीच उन्होंने कैसे बिताया अपना बचपन और किस तरह से लोगों के बीच छाए रहे प्रिंस.
इस वक्त ड्यूरक एडिनबरा ने इस दुनिया को अलविदा कहा दिया है. 99 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. शायद वो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पति में से एक थे. क्या आपको पता है कि वो महारानी के पति थे, लेकिन राजा नहीं बन पाए थे. आइए हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में यहां. ड्यूक जिन्हें प्रिंस फिलिप भी कहा जाता है वो कभी भी लाइन ऑफ थ्रोन यानी की राजगद्दी के उत्तराधिकारी के तौर पर कतार में नहीं खड़े थे. उनके सबसे बड़े बेटे को राजगद्दी लेकिन विरासत में मिली थी, लेकिन उन्हें कभी भी राजा की उपाधि हासिल नहीं हुई.
ऐसे शुरु हुई थी उनकी जिंदगी
प्रिंस फिलिप का जन्म 10 जून 1921 में हुआ था. यूनान के कोर्फू द्वीप में वो पैदा हुए थे. प्रिंस फिलिप ग्रीस के प्रिंस एंड्रयू और बैटनबर्ग की प्रिंसेस एलिस के सबसे छोटे और इकलौते बेटे थे. इस विरासत ने उन्हें ग्रीस और डेनमार्क का प्रिंस बना दिया, लेकिन एक साल बाद ही वहां तख्तापलट हुआ और परिवार को ग्रीस छोड़कर जाना पड़ा. दरअसल ब्रिटेन के एक जंगी जहाज ने परिवार को सुरक्षित इटली पहुंचाया. इस दौरान नन्हें फिलिप फलों की टोकरी में वो सोते रहते थे.
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फिलिप ने बचपन में काफी ज्यादा दुख झेला है. 1930 में नर्वस ब्रेकडाउन होने के चलते उनकी मां को एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ा था. कुछ सालों के बाद उन्हें बेहद कम अपने माता-पिता को देखने को मिला था. 1928 में सात साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड के स्कूल में पढ़ाई शुरू की थी. वह अपने नानी विक्टोरिया माउंटबेटन और मामा जॉर्ज माउंटेबटन के साथ रहते थे.
13 सालों तक रॉयल नेवी में किया काम
1939 में फिलिप रॉयल नेवी में शामिल हुए थे बाद में उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त अपनी सेवाएं दी थी. वो 2 सितंबर 1945 को जापानी आत्मसमर्पण के वक्त टौक्यो की खाड़ी में तैनात रहे थे. बाद में नौसेना में अपनी सेवाओं के लिए प्रिंस फिलिप को ग्रीक वॉर क्रॉस ऑफ वेलोर से सम्मानित किया गया था, लेकिन क्वीन एलिजाबेथ से शादी करने के बाद वो माल्टा में तैनात हुए थे. बाद में एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज का 1952 में देहांत हो गया. इसके बाद प्रिंस फिलिप का नेवी का करियर समाप्त हुआ. वह ब्रिटेन लौट आए. कुछ इस तरह से उन्होंने 13 सालों तक रॉयल नेवी की सेवा की और ब्रिटेन का परचम लहराने का काम किया.
प्रिंस थे लेकिन इस वजह से कभी राजा नहीं बन पाए थे फिलिप
26 साल की उम्र में 1947 में प्रिंसेस एलिजाबेथ से प्रिंस फिलिप ने शादी की थी. इसके बाद उन्होंने ग्रीक टाइटल त्याग दिया और वो एक ब्रिटिश के नागरिक बन गए थे. वह ग्रीक और डेनिश वंश के 'राजकुमार' थे, लेकिन रानी के साथ शादी करने के लिए शाही के तौर पर उन्होंने अपने राजकुमार के पद को छोड़ दिया था. उन्हें बाद में एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज चतुर्थ के जरिए ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग बनाया गया. प्रिंस फिलिप और क्वीन एलिजाबेथ को शादी के बाद दुनियाभर से 2500 से ज्यादा तोहफें मिले. दोनों की शादी के बाद एक साल बाद प्रिंस चार्ल्स का जन्म हुआ. शाही प्रतिबद्धताओं के साथ प्रिंस फिलिप एक पायलट और पोलो खिलाड़ी थे. उन्होंने आधिकारिक रुप से 140 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं.
शाही परिवार में क्या है शादी करने के नियम
ब्रिटेन में यदि कोई एक महिला किसी राजा से शादी करती है तो उसे क्वीन की उपाधि मिलती है, लेकिन यदि एक पुरुष किसी रानी से शादी करता है तो उसे राजा की उपाधि नहीं मिलती है. यह उपाधि उस राजा को नहीं मिलती है. यह उपाधि सिर्फ उन्हीं पुरुषों को मिलती है जिनका सीधा संबंध राजपरिवार से होता है. क्वीन और प्रिंस फिलिप के चार बच्चे हैं. प्रिंस चार्ल्स जोकि 72 साल के हैं, 71 साल के प्रिंस एंड्रयू, 70 साल की प्रिंसेस ऐन और प्रिंस एडवर्ड जो 57 साल के हैं. ऐसा कहा जाता हैकि उनके बच्चे जब छोटे थे तो प्रिंस फिलिप उनसे अपनी बात मनवा लेते थे. ऐसा कहा जाता है कि उनके बच्चे जब छोटे तो प्रिंस फिलिप उनसे अपनी बात मनवा लिया करते थे. प्रिंस फिलिप ने अपनी नजरों के सामने ही अपने आठ पोते-पोतियों को बड़े होते हुए और दस परपोते- परपोतियों को जन्म लेते हुए देखा था.
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पीएम नरेंद्र मोदी समेत इन बड़ी हस्तियों ने जताया दुख
प्रिंस फिलिप के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा- हिज रॉयल हाईनेस द प्रिंस फिलिप, ड्यूक ऑफ एडिनबरा के निधन पर मेरी संवेदनाएं ब्रिटिश रॉयल फैमिली और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं. प्रिंस फिलिप ने सेना बहुमूल्य योगदान दिया और कई सामाजिक सेवाओं से जुड़ी पहल में वे सबसे आगे रहे. उनकी आत्मा को शांति मिले.
इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके शोक जताया और ब्रिटिश रॉयल फैमिली और ब्रिटेन के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की है.
इन सबके बीच प्रिंस फिलिप के निधन पर शोक जताते हुए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक बयान में कहा, ‘‘ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप ने यादगार जिंदगी जी, जिसकी पहचान निष्ठा और सेवा रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रॉयल नेवी में शानदार सेवा से लेकर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ उनकी शादी और साझेदारी तक उन्होंने अपने आप को पूरी तरह अपने परिवार, देश और राष्ट्रमंडल के लिए समर्पित कर दिया। चाहे वह पर्यावरणविद रहे हो या सैन्य परिवारों के शुभचिंतक, उन्होंने जो कुछ भी किया एक सार्थक उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया।’’