प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को एक लोकतांत्रिक समाज को संरक्षित करने में योगदान देना चाहिए, क्योंकि प्रौद्योगिकी में लोकतंत्र को "सकारात्मक या नकारात्मक" प्रभावित करने की क्षमता है.
लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को एक लोकतांत्रिक समाज को संरक्षित करने में योगदान देना चाहिए, क्योंकि प्रौद्योगिकी में लोकतंत्र को "सकारात्मक या नकारात्मक" प्रभावित करने की क्षमता है. पीएम मोदी डिजिटल तरीके से लोकतंत्र पर एक शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन कर रहे हैं और इसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
मोदी: लोकतंत्र के सिद्धांतों को भी वैश्विक शासन का मार्गदर्शन करना चाहिए
सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतांत्रिक शासन के चार स्तंभों के रूप में संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और सुधार अनुकूलन क्षमता को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र के सिद्धांतों को वैश्विक शासन का भी मार्गदर्शन करना चाहिए. पीएम मोदी ने लोकतंत्र के मूल स्रोतों में से एक के रूप में भारत के सभ्यतागत लोकाचार को रेखांकित किया.
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कानून के शासन और बहुलवादी लोकाचार के प्रति सम्मान सहित लोकतांत्रिक भावना भारतीयों में गहराई से समाई हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय डायस्पोरा के पास भी है और इस तरह वे अपनाए गए देशों की आर्थिक भलाई और सामाजिक सद्भाव में योगदान दे रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ठीक 75 साल पहले इसी तारीख को भारत की संविधान सभा ने अपना पहला सत्र आयोजित किया था.
मोदी: प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक देशों को अपने संविधानों में निहित मूल्यों को पूरा करने की जरूरत है. एक सूत्र ने कहा, "लोकतंत्र को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए प्रौद्योगिकी की क्षमता को देखते हुए, प्रौद्योगिकी कंपनियों को एक खुले और लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए."
एक विशेष इशारे के रूप में, प्रधान मंत्री मोदी को मुख्य 'नेताओं के पूर्ण सत्र' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसकी मेजबानी राष्ट्रपति बिडेन ने की थी. यह सत्र बंद कमरे में हुआ और इसमें भारत समेत चुनिंदा 12 देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया. शुक्रवार को मोदी भारत का राष्ट्रीय बयान देंगे. यह सत्र सार्वजनिक होगा.