आपके शरीर पर फाइजर-मॉडर्न टीके पहले से भी ज्यादा हो सकते हैं प्रभावी, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए नए डाटा से पता चलता है कि फाइजर / बायोएनटेक और मॉडर्न कोविड -19 की वैक्सीन पहले से भी अधिक प्रभावी हो सकती हैं।

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कोरोना वायरस टीकाकरण के मामले में दुनिया में सबसे आगे चल रहे इजराइल ने हाल ही में एक नया बयान जारी किया है जिसके तहत इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए नए डाटा से पता चलता है कि फाइजर / बायोएनटेक और मॉडर्न कोविड -19 की वैक्सीन पहले से भी अधिक प्रभावी हो सकती हैं।


वही इज़राइल में गुरुवार को  700,000 से अधिक लोगों में कोविड वक्सीनेशन के लिए ट्रायल किया गया जिसमें  इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख डाॅ शेरोन शेयर प्राइस ने कहा है कि केवल 0.4 प्रतिशत लोग ही कोविड 19 के इंफेक्शन से पीड़ित मिले। लेकिन इजराइल ने जिस प्रकार के वैक्सीन का ज्यादातर इस्तेमाल किया है। वह आधुनिक रूप से कम मात्रा में फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन है। जिसके लगभग 95 प्रतिशत प्रभावी  रिजल्ट पाए गए है। 

इजराइल ने दिसंबर में शुरु किया था टीकाकरण अभियान

इज़राइल ने दिसंबर 2020 में  टीकाकारण अभियान शुरु किया था। जिसके बाद किए गए अध्ययन में 715,425 वैक्सीन वाले व्यक्तियों को उनकी दूसरी खुराक के बीच में एक सप्ताह का समय दिया गया जिसमें सिर्फ 317 लोगों ने अपने टीकाकरण के बाद कोविड 19 से बिमार हुए और उनमें से 16 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। वही इज़राइल के डाटा ने फाइजर और मॉडर्न मानव परीक्षणों की तुलना में अधिक जनसंख्या के नमूने का उपयोग किया जिसने लगभग 75,000 प्रतिभागियों से जानकारियां इकट्ठी की गई।  


आपको बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में माॅडर्ना ने कहा था कि कोविड -19 वैक्सीन की दो खुराक से नए स्ट्रेन को रोकने की उम्मीद की  जा रही  है। वहीं माॅडर्ना ने यह भी कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन से बचाने के लिए कोविड -19 बूस्टर शूट पर काम कर रहे है।

वैक्सीन की  लगातार की जा रही है  निगरानी 

इसके साथ ही फाइजर-बायोएनोटेक द्वारा कहा गया है कि वे अपनी वैक्सीन की निगरानी  लगातार जारी रखे हुए हैं।  वही कोरोना वायरस के नए रुपों पर भी इस वैक्सीन से होने वाले प्रभावों पर भी निगरानी रखी जा रही है। यही  नहीं फाइजर-बायोएनोटेक का मानना है कि अगर नए वैक्सीन की जरूरत पड़ती है तो  हम जल्द ही  वैक्सीन विकसित कर सकते हैं।

फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन को अमेरिका ने सबसे पहले परमिशन दी थी। साल 2021 की शुरुआत में ही डब्ल्यूएचओ  ने भी फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। यूरोप ने भी फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है।

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