देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. अब इसमें योग गुरु बाबा रामदेव, गुलाम नबी आजाद की एंट्री हो गई है.
Parliament building inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों इसका उद्घाटन होना है. लेकिन अभी तक जारी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसमें योग गुरु रामदेव की एंट्री हो गई है. वहीं गुलाम नबी आजाद ने इस विवाद से किनारा कर लिया है. समाजवादी के नेता अखिलेश यादव ने दावा किया है कि बीजेपी विपक्ष का सम्मान नहीं करती है.
'विपक्ष को संसद के घेराव करने के बारे में पुन: विचार करना चाहिए': रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव ने नई संसद पर जारी सियासत के बीच कहा, 'प्रधानमंत्री नए संसद भन का उद्घाटन करेंगे जो कि ऐतिहासिक है. जो लोग कल संसद का घेराव करने वाले हैं उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और जिन विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. मुझे विश्वास है कि हमारे पहलवान इस बात को समझेंगे और कल संसद की ओर नहीं बढ़ेंगे'.
'मैं इस विवाद के खिलाफ हूं': गुलाम नबी आजाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि, 'अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता. मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं. विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है. मैं इस विवाद के ख़िलाफ़ हूं. राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं.'
'यह लोक तंत्र का मंदिर है': एकनाथ शिंदे
नए संसद भवन के उद्घाटन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है सभी को इसमें शामिल होना चाहिए लेकिन कुछ लोग ऐसे लोग हैं जिन्हें जान बूझकर विघ्न लाना है. देश की जनता समझदार है जिन्हें समस्या हो रही है उनका इलाज जनता ही करेगी.
अखिलेश यादव का बड़ा दावा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए. जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें. उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा?'
केसी नेणूगोपाल ने केंद्र से पूछे सवाल
वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणूगोपाल ने कहा, 'यह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को दरकिनार करने का मुद्दा है. वे इस प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दे रहे हैं कि उद्घाटन करने के लिए अगल राष्ट्रपति की अयोग्यता है तो वह क्या है? उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए. उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित क्यों नहीं किया?'