मां काली के उपासक और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बारे में जानते है कुछ महत्वपूर्ण बाते.
मां काली के उपासक और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बारे में जानते है कुछ महत्वपूर्ण बाते.
कौन है रामकृष्ण परमहंस
आपको बता दें कि, स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के कामारपुकुर गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उस दिन फाल्गुन शुक्ल द्वितीया थी. रामकृष्ण परमहंस जी के पिता खुदीराम और माता चंद्रा देवी थीं. परमहंस जी के बचपन का नाम गदाधर था. उनकी पत्नी का नाम शारदामणि देवी था. रामकृष्ण जी के गुरु का नाम तोतापुरी था. उपासना हर एक बाबा संत आम व्यक्ति सभी करते है परन्तु आज हम बात करेंगे महान व्यक्तित्व की मां काली के उपासक और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. वहीं इस साल रामकृष्ण परमहंस जयंती आज यानी 04 मार्च दिन शुक्रवार को है. इस दिन फूलेरा दूज भी है. इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 मार्च को रात 09:36 बजे से शुरु हो रही है, जो अगले दिन 04 मार्च को रात 08:45 बजे तक मान्य है.
रामकृष्ण परमहंस के पारिवारिक रिश्ते
यदि बात करें इनके पिता की तो उनके पिता को स्वप्न में भगवान विष्णु दर्शन दिए थे और पुत्र रुप में जन्म लेने की बात कही थी. इस वजह से उनका नाम गदाधर रखा गया था. उनकी मां ने भी एक ऐसी ही मिलती-जुलती घटना का जिक्र किया था. रामकृष्ण परमहंस के बड़े भाई को कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मुख्य पुजारी का कार्य मिला था. जहां पर रामकृष्ण जी मां काली की मूर्ति को सजाते संवारते थे. बड़े भाई के निधन के बाद रामकृष्ण परमहंस जी को दक्षिणेश्वर काली मंदिर के मुख्य पुजारी का दायित्व मिला. वे इतने मग्न हो गए कि तभी से उन्होंने माता काली को ही अपनी माता मान लिया.