देश में सांप्रदायिक हिंसा छिड़ चुकी है. केंद्र सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ तीन मुख्यमंत्रियों सहित राजनीतिक दलों के तेरह नेताओं ने एक संयुक्त अपील जारी करते हुए पीएम मोदी को भी निशाना बनाया गया.
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देश के कुछ हिस्सों में अभद्र भाषा और सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं और इन मामलों में केंद्र सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ तीन मुख्यमंत्रियों सहित राजनीतिक दलों के तेरह नेताओं ने एक संयुक्त अपील जारी किया है. साथ ही पीएम मोदी की खामोशी पर सवाल खड़े किए है.
विपक्षियों का हमला
आपको बता दें कि, विपक्षी दलों ने कहा है कि वे क्षुब्ध हैं की भोजन, आस्था जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है. इसके साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने हालिया सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने वालों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध है.
पीएम मोदी भी बने निशाना
मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी पर भी तंजा कसा गया है. विपक्षियों का पीएम मोदी के खिलाफ बयान है कि मोदी ऐसे नफरती माहौल को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ एक भी शब्द बोलने में नाकाम रहे है. उनके बयान या कामों में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. जिसमें ऐसे हिंसा फैलाने वाले लोगों या संगठनों की निंदा की गई हो. यह खामोशी गवाह है की ऐसे निजी सशस्त्र संगठनों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. इन दलों ने सामाजिक सौहार्द्र के लिए सामूहिक तौर पर काम करने का संकल्प दोहराया है.
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