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कुछ लोगों के लिए चंद रुपए जुटाना मुश्किल होता है तो वहीं कुछ लोगों के घर में करोड़ों रुपए की करेंसी छुपी होती है. आयकर विभाग ने जब कांग्रेस सांसद धीरज साहू के झारखंड और उड़ीसा में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की तो 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के नोट मिले. जिधर देखो उधर वही नोट बिखरे पड़े थे. आयकर विभाग के कर्मचारी नोट गिनते-गिनते थक गए, मशीनें खराब होने लगीं, लेकिन कैश खत्म नहीं हुआ. इन नोटों को 157 बैगों में भरकर ट्रक से बैंक तक पहुंचाया गया. सोचिए इतना कैश, लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है.
ठिकानों पर छापेमारी
इसी साल अक्टूबर महीने में आयकर विभाग ने कर्नाटक के एक ठेकेदार के घर पर छापा मारा था. अधिकारियों को घर के अंदर बड़े कार्टन मिले. जब लकड़ी का कार्टन खोला गया तो सभी की आंखें फटी की फटी रह गईं. कार्टन के अंदर नोटों की गड्डियां भरी हुई थी. एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों कार्टन और कार्टन के अंदर सैकड़ों नोटों की गड्डियां. इस कार्टन में सभी तरह के 100, 200,500 नोट छिपाकर रखे गए थे. इन नोटों को गिनने में कई घंटे लग गए. पूरे घर में पैसे ही पैसे नजर आ रहे थे.
परफ्यूम का कारोबार
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बिजनेसमैन पीयूष जैन के घर पर छापेमारी की गई. आईटी विभाग के कर्मचारी पैसा निकालते-निकालते थक गए। नोटों को घर में अलग-अलग जगहों पर छिपाकर रखा गया था. जब सभी नोटों को इकट्ठा करके गिना गया तो कुल रकम 194 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा पीयूष जैन के घर से 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था. पीयूष जैन का परफ्यूम का कारोबार था, लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि उनके घर में इतना काला धन छिपा होगा.
करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज
पिछले साल जब मध्य प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के क्लर्क हीरो केसवानी के घर पर छापा पड़ा तो हर कोई हैरान रह गया. घर में अलग-अलग जगहों पर 500 रुपये, 200 रुपये और 2000 रुपये के नोट छिपाकर रखे गए थे. इस करोड़पति क्लर्क की सैलरी महज 50,000 रुपये थी, लेकिन घर से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज और 85 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे. इसके अलावा सोने और चांदी में करोड़ों रुपये के निवेश के कागजात भी मिले.
इसी तरह छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक ड्राइवर धनकुबेर बन गया था. ईडी को खबर मिली थी कि इस ड्राइवर के पास काला धन है. जब छापेमारी की गई तो पता चला कि इस ड्राइवर ने अपने पुराने घर में एक कमोड यानी टॉयलेट शीट रखी थी और कमोड में नोटों की गड्डियां रखी हुई थीं. कल्पना कीजिए, ईडी विभाग ने एक कमोड के अंदर से 5 करोड़ रुपये बरामद किए और वह भी एक ड्राइवर के घर से. ड्राइवर ने पैसे छुपाने में बहुत मेहनत की थी. उसने सोचा कि शायद कमोड को कोई चेक नहीं करेगा.
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