पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भादो में पड़ने वाली पूर्णिमा पर स्नान दान करने का महत्व होता है।
पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भादो में पड़ने वाली पूर्णिमा पर स्नान दान करने का महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन चांद की किरणों से अमृत बरसता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा सत्यनारायण के रूप में की जाती है। पूर्णिमा के दिन उमा महेश्वर व्रत रखा जाता है।
कब पड़ेगी भाद्रपद
साल 2024 को 17 और 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है और यह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को खत्म होती है। यह पूर्णिमा सुबह 11:00 के बाद शुरू हो रही है और 18 सितंबर को 12:00 बजे खत्म हो जाएगी।
भाद्रपद पूर्णिमा का नियम
अगर आप भादो की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं तो कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है। कुंवारी कन्याओं का विवाह शीघ्र हो जाता है। अगर आप इस व्रत के दौरान कोई मनोकामना मांगते हैं तो वह जल्द से जल्द पूरा हो जाता है।
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के नियम