धर्म शास्त्र के अनुसार यदि देखा जाए तो इसमें पितरों का खास स्थान होता है। यह भी कहा जाता है कि परिवार में सुख और शांति समृद्धि में पितृ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
धर्म शास्त्र के अनुसार यदि देखा जाए तो इसमें पितरों का खास स्थान होता है। यह भी कहा जाता है कि परिवार में सुख और शांति समृद्धि में पितृ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई बार ऐसा होता है की मृत्यु के बाद कई पितरों को मोक्ष मिल जाता है या उनका पुनर्जन्म हो जाता है, लेकिन कई पितृ ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपनी आत्मा से मुक्ति नहीं मिल पाती है। पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पितृपक्ष का महीना खास और उत्तम माना जाता है और ऐसी मान्यता भी है कि पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध देने से आत्मा को मुक्ति मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है कुछ उपाय करके आप घर पर भी नियम करके पितरों को खुश कर सकते हैं।
गीता पाठ से मिलेगी शांति
आपको बता दे कि लोगों को यह लगता है कि उनके पुत्र को मोक्ष नहीं मिला है, तो उन्हें अपने घर में ही गीता का पाठ करना चाहिए। गीता में 18 अध्याय होते हैं और गीता के सभी अध्याय का पाठ करना चाहिए। यदि आप सभी अध्याय का पाठ नहीं कर सकते हैं और उन्हें नहीं पढ़ सकते तो आप पितृ मुक्ति से जुड़ा सातवां अध्याय जरूर पढ़ लीजिए, ऐसा करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है और आत्मा को शांति मिलती है।
इन जगहों पर ना लगाएं पितरों की तस्वीर
पंडित के अनुसार देखा जाए तो ज्योतिष शास्त्र में पितरों को खुश करने के लिए कई तरीके बताए गए हैं और यह भी कहा जाता है कि अगर उनका आशीर्वाद बना रहे तो परिवार हमेशा उन्नति करता है, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की मृत्यु व्यक्ति की तस्वीर को हमेशा घर की दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए कभी भी उनकी फोटो मंदिर, बेडरूम, ड्राइंग रूम या किचन में नहीं लगना चाहिए, यदि आप ऐसा करते हैं तो घर की सुख शांति व्यवहारिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। के अलावा यह भी बताया गया है कि दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीपक भी जलाना चाहिए और ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।