मुन्ना हवलदार नाम का ये बकरा बहुत ही फेमस है.
यूं तो देश सेवा के लिए सेना हमेशा तत्पर रहते हैं. देश की आन-बान-शान में कभी कोई कमी नहीं आने देते हैं. ये बात पूरी तरह से सच भी है. आज हम आपको एक ऐसे बकरे से मिलवाने जा रहे हैं, जो सेना का हिस्सा हैं. देश की सेवा के लिए वो हमेशा तत्पर रहते हैं. आप भी सोच रहे होंगे कि सेना में बकरा! जी आप बिल्कुल सच सुन रहे हैं. मुन्ना हवलदार नाम का ये बकरा बहुत ही फेमस है. इसकी चर्चा हर जगह होती है.
आइए आपको मुन्ना हवलदार के बारे में बताते हैं. लखनऊ में आर्मी मेडिकल कोर्प सेंटर 30 मार्च को अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. इस कार्यक्रम में सैनिकों के साथ बकरा भी परेड में भाग ले रहा है. बकरे के कारण पूरे कार्यक्रम में उसकी चर्चा हो रही है.
मारवाड़ी नस्ल का है ये बकरा
देखा जाए तो ये बकरा मारवाड़ी नस्ल का है. ये बकरा कोई आम बकरा नहीं है. ये बेहद ही ख़ास बकरा है. इस बकरे को काफी शुभ माना जाता है और इसलिए यह मार्ट पास्ट बैंड का नेतृत्व करता है. ऐसे में जानते हैं मुन्ना हवलदार से जुड़ी खास बातें, जिन्हें जानकार आप हैरान रह जाएंगे. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 70 साल पहले 16 अप्रैल, 1951 को सेना में मारवाड़ी नस्ल का एक बकरा पेश किया गया था.
सिंधिया परिवार की शान है ये बकरा
जानकारी के मुताबिक, यह बकरा ग्वालियर के महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की ओर से दिया गया था, जब महाराजा के बैंड का भी विलय AMC में मिला दिया गया. राजस्थान के बाड़मेर के एक काले मारवाड़ी नस्ल के बकरे ‘हवलदार मुन्ना’ को महाराजा ने भारतीय सेना को उपहार में दिया था. बताया जा रहा है कि मुन्ना हवलदार को रिटायर होने में बस दो साल बचे हैं और यह कई सालों से आर्मी में अपनी सेवा दे रहे हैं. बता दें कि इसके रिटायर होने के बाद इसी नस्ल का एक और बकरा आर्मी में शामिल किया गया था.
खास है ड्रेस
‘हवलदार मुन्ना का ड्रेस बेहद ख़ास है. ये एएमसी सैन्य बैंड का एक अहम हिस्सा है. अधिकारी के अनुसार, उन्हें मेडिकल कोर के लिए एक अच्छा संकेत माना जाता है. वह कई परेड का हिस्सा रहता है और इसे शुभ माना जाता है.’ साथ ही इस बकरे की ड्रेस भी काफी अलग है, जिसमें गले में लगी घंटी, मरून दुपट्टा आदि शामिल है. साथ ही इस ड्रेस में एएमसी के प्रतीक चिह्न भी लगे हैं यानी बकरे के लिए भी खास तरह की वर्दी है.
डाइट का रखा जाता है खास ख्याल
रिपोर्ट में बताया गया है कि हवलदार मुन्ना के साथ 20 साल तक रहे सूबेदार एम एस रेड्डी का कहना है कि इसकी खास तरीके की डाइट होती है. उन्होंने बताया, ‘मुन्ना की डाइट में मल्टीग्रेन, गुड़, फल, घास शामिल हैं. वह केवल अपने हैंडलर की सुनता है. साथ ही किसी भी समारोह में यह मार्चिंग बैंड की टुकड़ी का नेतृत्व करते हैं. बता दें कि मुन्ना के साथ सभी रिवाजों को फॉलो किया जाता है.
सेना को नाज़ है
हवलदार मुन्ना पर पूरा रेजिमेंट गर्व करता है. सभी रेजिमेंट के सैनिक उसका ध्यान रखते हैं. उसके साथ खेलते हैं.