मुलायम सिंह यादव कद्दावर नेताओं में से एक थे. वह देश के सबसे बड़े सूबे के 3 बार मुख्यमंत्री थे. उनकी गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती है. जिनकी शख्सियत ने ही लोकप्रियता दिलाई. धरती पुत्र के नाम से पहचान बनाने वाले मुलायम सिंह की कुछ बेहद खास बातें रही है
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव नहीं रहे. सोमवार की सुबह धरती पुत्र का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव कद्दावर नेताओं में से एक थे. वह देश के सबसे बड़े सूबे के 3 बार मुख्यमंत्री थे. उनकी गिनती उन चुनिंदा नेताओं में होती है. जिनकी शख्सियत ने ही लोकप्रियता दिलाई. धरती पुत्र के नाम से पहचान बनाने वाले मुलायम सिंह की कुछ बेहद खास बातें रही हैं जिनकी वजह से वह आवाम के चहेता बने और नेता भी. राजनीति में मुलायम सिंह यादव ने बड़ी लम्बी पारी खेली. वह 8 बार विधायक, 7बार सांसद, 3 बार मुख्यमंत्री और एक बार देश के रक्षा मंत्री रहे. आइए अब, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की वो 5 खास बातें जान लेते हैं. जो आपके जीवन में मुकाम हासिल करने मदद कर सकती है.
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1. हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहना
अपने करियर में मुलायम सिंह आगे बढ़ते रहे. छोटे से गांव से निकलकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री तक बन गए. लेकिन कभी ये नहीं भूले कि वो कहां से आते हैं. यूपी के छोटे से गांव Saifai को उन्हें भारत के नक्शे पर हाईलाइट कर दिया. अंतिम सांस तक अपनी जन्मभूमि नहीं छोड़ी. हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहे. उनकी इस खासियत ने उन्हें और उनकी पार्टी को हमेशा मजबूती दी.
2. संघर्ष करके कोई भी फलक पर पहुंच सकता है
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा, उत्तर प्रदेश के सैफई में एक गरीब किसान के घर हुआ था. कहा जाता हैं कि आर्थिक स्थिती ठीक नहीं होने के कारण गांव से बाहर जाने के लिए भी उन्हें किसी से साइकिल उधार लेनी पड़ती थी. पढ़ाई पूरी करके उन्होंने टीचर की नौकरी की. 21 की उम्र में पहली बार राजनीति में कदम रखा और हर मुश्किल का सामना करते हुए बस आगे बढ़ते रहे. 51 की उम्र में पहली बार UP CM बने.
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3. परिवार और यार दोस्त को कभी नहीं छोड़ें
मुलायम उन लोगों में से नहीं थे जो की कामयाब होने के बाद अपनों को भूल जाएं. बात चाहे उनकी दोस्ती की हो या फिर परिवार की. उनके दोस्त अमर सिंह, आजम खान की हो या फिर उनके भाई शिवपाल सिंह यादव की.. Mulayam Singh ने सबकी आगे बढ़ने में मदद की. फिर चाहे उन्हें खुद इसका नुकसान क्यों न सहना पड़ा हो. साल 2012 में यूपी की जनता ने Samajwadi Party को 403 में से 226 सीटों पर बहुमत की जीत दिलाई. मुलायम तब चौथी बार मुख्यमंत्री बन सकते थे. लेकिन उन्होंने सत्ता की कमान अपने बेटे अखिलेश यादव को सौंप दी.
4. राष्ट्रहीत सर्वोपरि होता है
नेता जी उन राजनेताओं में से थे जिनके लिए देशहित सर्वोपरी था. राष्ट्र के हित में कुछ करना हो तो उनके लिए कोई भी कदम सही या गलत नहीं होता था. रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने Sukhoi और Bofors को लेकर कुछ ऐसे ही फैसले लिए थे. उन्होंने खुद बताया था कि बोफोर्स का बेहतरीन काम देखकर उन्होंने वो फाइल ही गायब करा दी थी जिसमें राजीव गांधी के खिलाफ आरोप लगाए गए थे.
5. जनता भगवान का रुप होती है
मुलायम सिंह को जनता की अहमियत अच्छी तरह पता थी. उन्होंने कभी भी खुद को आवाम से दूर नहीं किया. मुलायम सिंह के निधन पर उनके चचेरे भाई राम गोपाल यादव ने कहा कि ऐसा कोई गांव या ऐसी कोई तहसील नहीं थी जहां नेताजी न गए हों. वो हमेशा लोगों के बीच जाते और उनसे मिलते जुलते थे.