चीन पर बढ़ता कर्ज उसकी अर्थव्यवस्था के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. इस संकट के चलते रेटिंग एजेंसी ने दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रेटिंग घटाने का फैसला किया है.
चीन पर बढ़ता कर्ज उसकी अर्थव्यवस्था के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. इस संकट के चलते रेटिंग एजेंसी ने दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रेटिंग घटाने का फैसला किया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चीन की क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को घटाकर नकारात्मक करने का फैसला किया है, जो पहले स्थिर थी. मूडीज के इस फैसले पर चीन ने निराशा जताई है.
रेटिंग घटाने का फैसला
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपने नोट में लिखा है, चीन की क्रेडिट रेटिंग में बदलाव से संकेत मिलता है कि चीनी सरकार के लिए वित्तीय संकट से जूझ रही क्षेत्रीय और स्थानीय सरकारों और सरकारी कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना अनिवार्य है. इससे चीन की राजकोषीय, आर्थिक और संस्थागत ताकत के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
चीन की रिकवरी प्रभावित
मूडीज के मुताबिक, क्रेडिट रेटिंग कम करने से यह भी संकेत मिलता है कि मध्यम अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ वहां के प्रॉपर्टी बाजार में भी गिरावट का बड़ा खतरा है. आपको बता दें कि चीन का रियल एस्टेट सेक्टर भारी कर्ज संकट से जूझ रहा है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर उसकी जीडीपी में एक-चौथाई योगदान देता है। भारी भरकम कर्ज लेने वाले देश के बड़े डेवलपर डूबने की कगार पर हैं. कमजोर उपभोक्ता और व्यापारिक विश्वास के कारण महामारी के बाद चीन की रिकवरी प्रभावित हुई है.
साख रेटिंग घटाने के मूडी के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में चीन के वित्त मंत्रालय ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है. इसके प्रवक्ता ने कहा, इस साल की शुरुआत से, कठिन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के साथ-साथ अस्थिर वैश्विक आर्थिक स्थिति के बावजूद, चीन की व्यापक आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है.