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सोमवार को जिला ईंट निर्माता समिति ने केंद्र सरकार पर ईंट भट्ठा कारोबार को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए अगले सीजन से ईंट भट्ठा बंद रखने की घोषणा की है. यह हड़ताल लाल ईंटों पर जीएसटी लगाने और सुविधाओं को कम करने के विरोध में कही गई है. शहर के स्टेशन रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुए समिति के अध्यक्ष सुनील वर्मा लालू ने कहा कि उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति के नेतृत्व में अखिल भारतीय ईंट एवं टाइल निर्माता संघ के आह्वान पर, जिला भट्ठा उद्योग की सभी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य कर रहा है.
प्रदेश के सभी ईंट भट्ठा मालिक अगले सीजन से भट्ठा बंद रखेंगे. उन्होंने कहा कि कई बार समस्या की जानकारी सरकार को दी गई, लेकिन समाधान नहीं हो सका. अब सरकार की बेरुखी के विरोध में ईंट भट्ठा बंद कर हड़ताल की जाएगी. उन्होंने कहा कि लाल ईंटों की बिक्री पर जीएसटी कंपोजिशन स्कीम को खत्म कर जीएसटी स्लैब में काफी वृद्धि की गई है. आईटीसी का दावा किए बिना लाल ईंटों पर कर की दर एक प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत और आईटीसी का दावा करने के लिए पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.
सीमा सीमा 40 लाख से घटाकर 20 लाख कर दी गई है. समिति के महासचिव कृष्ण यादव ने कहा कि भट्ठा मालिक बाहर से मिट्टी लाता है, एनओसी नहीं देता, पुलिस भी परेशान करती है. काम पर आने वाले मजदूर अग्रिम लेते हैं, श्रम विभाग व अन्य फर्जी शिकायतों पर परेशान करते हैं. मजदूरों के बच्चे खुद काम करते हैं, हम वो करना बंद कर देते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण से जुड़े कानून को लागू करे, हम उसका पालन करेंगे. वार्ता के दौरान जितेंद्र भदौरिया, अतुल गुप्ता, प्रवेश भटनागर, अमित गुप्ता, विश्वेश्वर सिंह, अशोक यादव, धनवेश यादव, प्रेम सिंह शाक्य, अनिल गुप्ता, राघवेंद्र मिश्रा, दीपेंद्र शाक्य आदि भट्ट स्वामी मौजूद थे.
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