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आए दिन कई चौंकाने वाले मामले सामने आते रहते हैं. अब ताजा मामला जो सामने आया है वह रूस का है. दरअसल यहां एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. दरअसल यहां कुछ ऐसा हुआ है जिसे जानकर आप भी होश खो बैठेंगे. दरअसल यहां के एक सुदूर गांव के निवासियों का कहना है कि वे प्रदूषण फैलाने वाली सर्दी का सामना कर रहे हैं. जी हां और इतना ही नहीं, इस वजह से रूस में सफेद बर्फ गिरने की जगह काली बर्फ गिर रही है. दरअसल, रूस के सुदूर पूर्व में साइबेरिया के मगदान क्षेत्र के ओमसुखचन में स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की है.
उनका कहना है कि उनके बच्चे राख और काली बर्फ से ढकी गलियों और खेल के मैदानों में खेलने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं इस गांव में कोयले से चलने वाला गर्म पानी का प्लांट है, जो यहां के चार हजार लोगों को जरूरी गर्मी मुहैया कराता है. इससे कालिख और धूल से होने वाला प्रदूषण भी बढ़ गया है. फिलहाल तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि ठंडे बसे इलाके में काली बर्फ पड़ी है. आपको बता दें कि स्टालिन यहां राजनीतिक बंदियों को बेगार करने के लिए भेजते थे. वहीं, यहां एक निवासी द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा गया कि 'ओमसुचन गांव में बर्फ जम गई है. जनवरी का महीना है और हमारे बच्चे यहाँ काली बर्फ़ में खेल रहे हैं. इस तरह हम यहां 21वीं सदी में रह रहे हैं. एक अन्य ने कहा, 'यह ओमसुखचन गांव है और बर्फ काली है, पूरी तरह काली है.' ऐसा यहां साल 2019 में भी हुआ है.
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दूसरी ओर, यहां के निवासियों का कहना है कि तीन दशक पहले सोवियत संघ के पतन के बावजूद कुछ भी नहीं बदला है. इतना ही नहीं यहां के हालात आज भी पहले जैसे ही हैं. यहां एक शख्स का कहना है, 'आज भी हमारे बच्चों को काला धुआं सांस लेना पड़ रहा है. ऐसा लगता है कि यहां कुछ भी नहीं बदलने वाला है. आप सभी को यह भी बता दें कि इस महीने तापमान -50 डिग्री से नीचे पहुंच गया है और इस वजह से बड़े पैमाने पर कोयला जलाया गया है, जिससे यहां की बर्फ के ऊपर काले धुएं की परत जम गई है.. इस समय यहां की ब्लैक स्नो की तस्वीरें सोशल साइट्स पर छाई हुई हैं.
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