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आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में विपक्ष ने कहा है कि सिसोदिया की कार्रवाई से यह प्रतीत होता है कि "हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं".
विपक्ष के जिन नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है, उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल हैं.
पत्र में क्या लिखा गया है?
प्रिय प्रधानमंत्री जी, हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी एक लोकतांत्रिक देश है, विपक्ष के खिलाफ जांच एजेंसियों के घोर दुरुपयोग से प्रतीत होता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं. 26 फरवरी 2023 को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ सबूतों के बिना कथित अनियमितता के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.
फरवरी को किया गया था गिरफ्तार
बता दें, आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें सोमवार यानी 6 मार्च तक सीबीआई कस्टडी में रहना होगा. उनकी जमानत याचिका पर अब 10 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी.
क्या थी नई आबकारी नीति
बता दें कि कोवीड के बाद जब आम जन जीवन पटरी पर लौटना शुरु हुआ तभी दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-22 पेश की थी. सरकार इस नई नीति के जरिए शराब खरीदने का नया अनुभव लोगों को देना चाहती थी. नई नीति में होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात 3 बजे तक ओपन रखने की छूट दी गई थी. दिल्ली सरकार के नई पॉलिसी के तहत किसी भी शराब की दुकान पर सरकार का मालिकाना हक नहीं रखने का प्रावधान था. नई पॉलिसी में कंज्यूमर की चॉइस और ब्रैंड्स की उपलब्धता को तवज्जो दी गई थी. इसका उद्देश्य स्मगलिंग और बूटलेगिंग रोकना था. नई पॉलिसी में सबसे खास बात थी कि ई-टेंडरिंग के जरिए हर जोन ऑपरेटर के लिए नया L-7Z लाइसेंस अलॉट किया जाना था.
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