यूट्यूबर मनीष कश्यप जेल से रिहा हो गए हैं. बेउर जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई है. मनीष कश्यप को शुक्रवार देर शाम रिहा किया जाना था, लेकिन रिहाई के दस्तावेजों में कुछ त्रुटि के कारण उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा सका.
यूट्यूबर मनीष कश्यप जेल से रिहा हो गए हैं. बेउर जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई है. मनीष कश्यप को शुक्रवार देर शाम रिहा किया जाना था, लेकिन रिहाई के दस्तावेजों में कुछ त्रुटि के कारण उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा सका. बताया जा रहा है कि उसका नाम मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी है, लेकिन उसकी रिहाई के दस्तावेज में अधूरा नाम लिखा था, इसलिए रिहाई शनिवार को संभव हो सकी.
आपको बता दें कि तमिलनाडु में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी। अब पटना हाई और सिविल कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. हालाँकि, अदालत के कागजात में कुछ त्रुटि के कारण रिहाई में कुछ समय लगा। दरअसल, बेतिया कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर सहमति मिलनी बाकी थी. बेतिया कोर्ट से कागजात आने के बाद रिहाई संभव हो सकी.
इससे पहले शनिवार की सुबह करीब 10 बजे बेतिया कोर्ट से मनीष कश्यप की रिहाई संबंधी आदेश बेउर जेल प्रशासन के पास पहुंचा. इसके साथ ही मनीष कश्यप के वकील भी बेउर जेल पहुंचे. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मनीष कश्यप को जेल से रिहा कर दिया गया.
आज मनीष कश्यप की रिहाई की खबर सुनकर बेउर जेल के बाहर मनीष कश्यप के समर्थकों की भीड़ जमा हो गई है. पटना के बेउर जेल से उनकी रिहाई की खबर सुनने के बाद शुक्रवार से ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर जमा हो गये थे. हालात ऐसे हो गए कि सड़क जाम होने के कारण मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी.
आपको बता दें कि मामला दर्ज होने के बाद कश्यप की तलाश शुरू कर दी गई थी. इस दौरान उनके घर को भी जब्त कर लिया गया. कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के दौरान 18 मार्च 2023 को उन्होंने सरेंडर कर दिया. इसके बाद तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ ले गई. फिलहाल कश्यप बिहार जेल में बंद हैं. 10 नवंबर को मद्रास हाई कोर्ट ने कश्यप के खिलाफ हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया. अदालत ने तमिलनाडु पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एनएसए के तहत लगाए गए आरोपों को भी हटा दिया था।