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Manipur Violence: मणिपुर वायरल वीडियो पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हो रही है. सीजे आई डी.वाई. चंद्रचूड़ का कहना है कि वीडियो सामने आया लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया है. यह कोई अकेली घटना नहीं है. हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र भी बनाना होगा.
कपिल सिब्बल का बयान
मणिपुर की 2 पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि महिलाएं मामले की CBI जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं.
सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया. हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट का सख्त सवाल
वायरल वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब घटना 4 मई को हुई तो FIR 18 मई को क्यों दर्ज की गई? 4 मई से 18 मई तक पुलिस क्या कर रही थी? यह घटना सामने आई कि महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया और कम से कम दो के साथ बलात्कार किया गया. पुलिस क्या कर रही थी?
SC की निगरानी में जांच होगी तो पारदर्शिता दिखेगी
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट निगरानी करेगा तो पारदर्शिता दिखेगी.
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