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सोमवार के दिन मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंज बासोदा के सेंट जोसेफ स्कूल में कुछ लोगों ने हंगामा खड़ा करने का काम किया. उन्होंने ये आरोप लगाया था कि स्कूल ने 8 बच्चों का धर्मांतरण किया है. उनके माता-पिता पर रविवार को चर्च में मौजूद रहने के लिए दबाव बनाया जाता है. पथराव उस वक्त हुआ जब स्कूल में बच्चे सीबीएसई 12वीं की परीक्षा दे रहे थे.
हंगामा करने वाले लोग खुद को हिंदूवादी संगठन से जुड़ा हुआ बता रहे थे. हिंदूवादी नेता नीलेश अग्रवाल का ये आरोप है कि स्कूल में 8 बच्चों का धर्मांतरण हुआ है. बाल आयोग ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाने का काम किया था. इन संस्थाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा है. साथ ही हिंदू मान्यताओं पर रोक लगाई जाती है. दिसंबर के रविवारों को बच्चों और उनके माता-पिता को चर्च के कार्यक्रमों में भाग लेने को बाध्य किया जा रहा है. यदि धर्मांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है तो हिंदू जागरण मंच, विहिप, बजरंग दल, अभाविप जैसे संगठन इसका विरोध करेंगे.
पथराव से डरे बच्चे
घटना के बाद स्कूल प्रबंधक ब्रदर एंटोनी ने कहा कि स्कूल के घेरवा की सूचना पुलिस और प्रशासन को पहले ही दे दी गई थी. जिस वक्त पथराव हुआ उस वक्त स्कूल में 12वीं के बच्चों की परीक्षा हो रही थी. करीब 14 बच्चे परीक्षा दे रहे थे, वे स्कूल में उस वक्त मौजूद थे. तोड़फोड़ से बच्चे बुरी तरह से डर गए. स्कूल का स्टॉफ भी स्कूल में ही था. प्रशासन को पहले से जानकारी होने के बाद भी तोड़फोड़ हुई है, जो पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है.
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