लोहड़ी को रबी फसल की कटाई का भी त्योहार माना जाता है. जनवरी के महीने को किसान भी उल्लास से मनाते हैं, इस वक्त खेतों में लगे अनाज भी लहलहाने लगते है और मौसम भी काफी अलग सा लगने लगता है.
लोहड़ी मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाने जाने वाला त्योहार है. इस दिन लोग अकसर पतंग उड़ाते हुए नजर आते हैं. देशभर में इस त्योहार को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. यह त्योहार पौष माह के अंतिम दिन की रात में मनाया जाता है और यह देर रात तक मनाई जाती है.
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भारत के सभी त्योहार को मनाने के पीछे कुछ विशेष वजह होती है. तो उसी तरह लोहड़ी को भी मनाए जाने के पीछे एक कारण है. सबसे पहला कारण तो यह है लोहड़ी के दिन वर्ष की सबसे लंबी रात होती है और उस दिन के बाद से रात धीरे-धीरे छोटी होनी शुरू हो जाती है. लोहड़ी को रबी फसल की कटाई का भी त्योहार माना जाता है. जनवरी के महीने को किसान भी उल्लास से मनाते हैं, इस वक्त खेतों में लगे अनाज भी लहलहाने लगते है और मौसम भी काफी अलग सा लगने लगता है.
लोहड़ी क्यों मनाया जाता है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार यह त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि जब प्रजापति दक्ष मे अपनी पुत्री सती के पति महादेव शिव का तिपस्कार किया था और अपने जामाता को यज्ञ में शामिल ना करने से उनकी पुत्री ने अपनी आपको को अग्नि में समर्पित कर दिया था. उसी दिन को एक पश्चाताप के रूप में प्रति वर्ष लोहड़ी पर मनाया जाता हैं और इसी कारण घर की विवाहित बेटी को इस दिन तोहफे दिए जाते हैं और भोजन पर आमंत्रित कर उसका मान सम्मान किया जाता हैं. इसी खुशी में श्रृंगार का सामान सभी विवाहित महिलाओ को बांटा जाता हैं.