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अफगानिस्तान के स्थानीय पत्रकारों ने दावा किया है कि काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर तालिबान ने करीब 150 भारतीयों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया है. भारत सरकार या यूएस/नाटो बलों की ओर से इस मामले की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि भारत सरकार स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है.
स्पुतनिक के ऋषिकेश कुमार के अनुसार, अपहृत लोगों में कई अफगान सिख और नागरिक शामिल थे, लेकिन अधिकांश सामान्य भारतीय थे. महिलाओं और बच्चों समेत लोग दोपहर 1 बजे एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन अंदर नहीं जा सके.
कुमार ने बताया कि इसके तुरंत बाद, तालिब आए और उनमें से कुछ को पीटा और उन सभी को तारखिल, काबुल ले गए. कुमार ने बताया कि कुछ चलती कार से भागने में सफल रहे. जो लोग भाग गए थे, उनके अनुसार, तालिबों ने उन्हें बताया कि उन्हें दूसरे गेट से हवाई अड्डे के अंदर ले जाया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें वास्तव में ले जाया गया था या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया गया था. हालांकि तालिबान ने आरोपों से इनकार किया है.
अतीत में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को बंधक बनाने की स्थितियाँ रही हैं. 2014 में, 46 भारतीय नर्सों के एक समूह को युद्धग्रस्त इराक में ISIS की कैद से छुड़ाया गया था. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनके बचाव के लिए सऊदी अरब और इराक जैसे क्षेत्र के देशों के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से मिलकर काम किया था.
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