रेपो रेट बढ़ते ही महंगा हुआ लोन, इन बैंकों से कर्ज लेना पड़ेगा भारी

5 अगस्त को जैसे ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की उम्मीद के मुताबिक, आपको लोन देने वाले बैंक तुरंत हरकत में आ गए. आरबीआई के फैसले के बाद देश के प्रमुख निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक और प्रमुख सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने ब्याज दरो

  • 687
  • 0

5 अगस्त को जैसे ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की उम्मीद के मुताबिक, आपको लोन देने वाले बैंक तुरंत हरकत में आ गए. आरबीआई के फैसले के बाद देश के प्रमुख निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक और प्रमुख सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है. बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ताजा बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है. तीन महीने में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 1.40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है.

9.10 फीसदी सालाना और प्रति माह

आरबीआई द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के बाद पहली घोषणा देश के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की ओर से की गई. बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक बाहरी मानक उधार दर यानी आई-ईबीएलआर को आरबीआई की नीतिगत दर के अनुरूप बनाया गया है. जिसके बाद आई-ईबीएलआर 9.10 फीसदी सालाना और प्रति माह हो गया है. बढ़ी हुई ब्याज दरें 5 अगस्त, 2022 से लागू हो गई हैं.

रेपो रेट भी एक्सटर्नल बेंचमार्क में शामिल

आरबीआई ने सभी नए लोन और खुदरा लोन को फ्लोटिंग रेट के साथ बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. यह नियम 1 अक्टूबर 2019 से लागू हुआ। बाहरी बेंचमार्क उधार दर एक ऋण पर ब्याज की न्यूनतम दर है. यानी बैंक इस दर से कम पर कर्ज किसी भी हालत में नहीं दे सकते. आरबीआई का रेपो रेट भी एक्सटर्नल बेंचमार्क में शामिल है. वर्तमान में बैंकों में तीन प्रकार की बाह्य बेंचमार्क दरें चल रही हैं, जिसके अनुसार ब्याज दरें निर्धारित हैं.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT