अकेले रहना किसी मुश्किल से कम नहीं होता है लेकिन जब आप एक द्वीप में अकेले रह रहे हों तो पता चल जाता है कि जिंदगी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं जिसमें हीरो आखिर में घर पहुंचकर वाइन का गिलास थामकर बैठा होगा
अकेले रहना किसी मुश्किल से कम नहीं होता है लेकिन जब आप एक द्वीप में अकेले रह रहे हों तो पता चल जाता है कि जिंदगी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं जिसमें हीरो आखिर में घर पहुंचकर वाइन का गिलास थामकर बैठा होगा. एक इतालवी नागरिक 33 वर्षों तक अकेले ही एक आईलैंड में रह चुके हैं. वो कुछ बिल्लियों और परिंदों के साथ रहते थे. 3 दशकों से इस आईलैंड पर उनका एक भी इंसानी दोस्त नहीं था. बल्कि उन्होंने परिंदों और बिल्लियों से दोस्ती कर रखी थी.
आपको बता दें आईलैंड में रहने वाले व्यक्ति का नाम माऊरो मोरांडी है और वह बुडेली के सार्डिनियन आईलैंड में 33 वर्षों तक रहे हैं. उनकी उम्र अब 82 वर्ष है. ज्यादातर हिस्सा उन्होंने अपनी लाइफ का अकेले ही इस द्रीप में बिताया है. लेकिन अब उन्हें शहर को जाना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि अब इस एरिया को पर्यावरण वेधशाला घोषित किया जा चुका है लिहाजा अथॉरिटी के कहने पर उन्हें आईलैंड छोड़कर जाना पड़ा है.
दुनियाभर के 55,000 लोग इसके लिए किए गए सर्वे में शामिल हुए अकेलेपन पर किया जाने वाला अब तक का ये सबसे बड़ा सर्वे है. क्लाउडिया हैमंड ने इस प्रोजेक्ट के निष्कर्षों पर ध्यान दिया और अकेलेपन पर अपने अनुभवों के बारे में तीन लोगों से बात की है. युवाओं को अकेलापन महसूस होने के उनके पास कई कारण थे 16 से 24 साल के बीच वाले युवाओं को अकेलापन इसलिए लगता है क्योंकि इस उम्र में वो घर से बाहर अपनी पहचान बनाने और नये दोस्त बनाने के लिए निकलते हैं.