अब्दुल्ला आजम को जिस मामले में सजा हुई है, वह छजलैट मामला करीब 15 साल पुराना है.
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक बाद एक मुसीबत उनके सामने दस्तक दे रही है. आजम खान की विधायकी जान के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान की भी विधायकी चली गई है. विधानसभा ने अब्दुल्ला की सीट रिक्त घोषित कर दी है. बता दें कि अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक हैं. हाल ही में मुराबाद की छजलैट थाने में चल रहे एक मामले में अब्दुल्ला आजम को MP-MLA कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. आजम और अब्दुल्ला पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अब 6 महीने के अंदर स्वार सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा. कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र लिखकर स्वार सीट खाली घोषित करने की मांग की थी.
15 साल पुराने मामले में हुई सजा
बता दें किअब्दुल्ला आजम को जिस मामले में सजा हुई है, वह छजलैट मामला करीब 15 साल पुराना है. हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी, 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन SSP प्रेम प्रकाश ने पूर्व मंत्री आजम खान की गाड़ी चेकिंग के लिए रुकवाई थी. इसके बाद आजम की गाड़ी पर लगा हूटर उतरवा दिया था. इसे लेकर विवाद बढ़ गया था. आजम खान वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए थे. इसके बाद आस-पास के जिलों से भी सपा के नेता और कार्यकर्ता छजलैट पहुंच गए थे. आजम खान समेत दूसरे सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसा कर बवाल कराने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
7 लोगों को कोर्ट ने किया बरी
गौरतलब है कि मुरादाबाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने हरिद्वार हाईवे पर जाम मामले में 9 आरोपियों में से 7 को बरी कर दिया, जबकि आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया. मामले में पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, बिजनौर के सपा नेता मनोज पारस, सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता रामकुंवर प्रजापति आरोपी थे. कोर्ट ने इन्हें दोषमुक्त कर दिया है