अवंतीपोरा में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए. मारे गए. मारे गए आतंकीयों में पुलवामा का सकलैन मुश्ताक और मुख्तार अहमद भट शामिल हैं. जब की तीसरा आतंकी मुशफीक पाकिस्तान का रहने वाला था.
अवंतीपोरा में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंवादी मारे गए. मारे गए आतंकीयों में पुलवामा का सकलैन मुश्ताक और मुख्तार अहमद भट शामिल हैं. जब की तीसरा आतंकी मुशफीक पाकिस्तान का रहने वाला था. जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि आतंकीयों के पास एक एके-74 राइफल बरामद हुई है. तीनों आतंकवादी राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास एक बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे थे.
बहाना बनाकर घर से हुआ था लापता
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, मुख्तार अहमद भट लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध द रेसिस्टेंस फ्रंट का कट्टर कमांडर था. पुलवामा का रहने वाला भट 18 अप्रैल को अपनी मौसी से मिलने के बहाने घर से निकलते समय लापता हो गया था. बाद में जांच में पाया गया कि वह टीआरएफ में शामिल हो गया और पुलवामा के आसपास सक्रिय था. कमांडर बनने के लिए रैंकों के माध्यम से उठने से पहले भट कई वर्षों तक टीआरएफ का एक ओवरग्राउंड वर्कर था.
कश्मीरी पंडितों, प्रवासी मजदूरों को डराता-धमकाता था
भट ने पुलवामा के काकापोरा बेल्ट में लश्कर-ए-तैयबा-टीआरएफ को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह पुलवामा में कश्मीरी पंडितों, प्रवासी मजदूरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का काम करता था. वह भारत के खिलाफ हथियार उठाने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में भी शामिल था और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों को अंजाम देता था
मुख्तार भट इस साल 13 मई को पुलवामा के गदूरा में जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मी रियाज अहमद थोकर की हत्या में शामिल था. इसके अलावा वह पुलवामा कस्बे के उगरगुंड में दो प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले में भी शामिल था. जिसमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया था.