Lakhimpur case: प्रियंका गांधी का प्रधानमंत्री से अपील - राज्य गृहमंत्री अजय मिश्रा संग मंच साझा करने से करें इंकार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाराजगी जताया है और प्रधानमंत्री से ट्वीट के जरिए उन्हें इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनने से मना किया है.

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56वीं ऑल इंडिया डीजी-आईजीपी कांफ्रेंस, जोकि लखनऊ में होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कांफ्रेंस  के हिस्सा होने वाले है. इस बात पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाराजगी जताया है और प्रधानमंत्री से ट्वीट के जरिए उन्हें इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनने से मना किया है.

दरअसल इस 56वीं ऑल इंडिया डीजी-आईजीपी कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा भी शामिल होने वाले है. ऐसे में प्रियंका गांधी का कहना है कि प्रधानमंत्री उस इंसान के साथ कैसे मंच साझा कर सकते जोकि लखीमपुर खीरी का मुख्य आरोपी है, जिसका बेटा अपनी गाड़ी से लोगों कि जान ले लिया. ऐसे में प्रधानमंत्री को या तो इस कांफ्रेंस में भाग ही नहीं लेना चाहिए या फिर राज्य गृहमंत्री को बर्खास्त करें. 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि "मोदी जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिए." 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को उस ट्वीट में एक पत्र के जरिए यह भी लिखा कि "‘लखीमपुर में अन्नदत्ताओं के साथ अन्याय हुआ है. केंद्रीय राज्यमंत्री पद पर बने रहते हुए लखीमपुर के किसानों का न्याय नहीं मिलेगा. प्रधानमंत्री जी कल आपने किसान बिल वापिस लिया है. अगर आपकी नियत साफ है तो आप गृह राज्यमंत्री के साथ मंच साझा मत करिए. लखीमपुर के शहीद किसानों को न्याय मिलनी चाहिए.’

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‘लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा. आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है. राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरुआत से ही न्याय की आवाज़ को दबाने की कोशिश की. माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर लगता है कि सरकार किसी विशेष आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है.’


‘मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं. वे असहनीय पीड़ा में हैं. सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है.’

‘केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं. यदि आप इस कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी क़ातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं. यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा.’

‘अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए. देश भर में किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए.’

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