पिता की इच्छा से इंजीनियर बने थे रतन टाटा, क्या है उनका ड्रीम प्रोजेक्ट

पिता की इच्छा से बने थे इंजिनियर

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भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में रतन टाटा को एक लेजेंड/ महानायक के रूप में देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रतन टाटा बिजनेसमैन बनने से पहले क्या बनना चाहता थे?  इसका खुलासा उन्होंने हाल ही में एक वीडियो इंटरव्यू के दौरान किया है। 

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा अगर टाटा समूह का नेतृत्व नहीं करते तो वे आज एक अलग पेशे में होते। वे बिजनेसमैन की बजाय एक आर्किटेक्चर होते। एक वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने आर्किटेक्चर के प्रति अपने जुनून को बयां किया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यदि टाटा समूह के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होती तो आर्किटेक्चर उनकी पसंद का पेशा होता और उन्होंने इस क्षेत्र में जरुर सफलता हासिल की होती। आपको बता दें कि 1959 में रतन टाटा ने आर्किटेक्ट में कॉर्नेल विश्वविद्यालय अमेरिका से डिग्री हासिल की थी। 

पिता की इच्छा से बने थे इंजिनियर

आगे उन्होंने कहा कि इस पेशे ने उन्हें काफी प्रेरित किया और उन्होंने दो साल तक इस क्षेत्र में लाॅस एंजिलिस में काम भी किया। उन्होंने बताया कि वास्तव में वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपने पिता की इच्छा के अनुसार कर रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि आर्किटेक्चर में ही उनकी असल रुची थी।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, एक आर्किटेक्ट नहीं बनने का उन्हें कभी पछतावा नहीं हुआ, लेकिन इस बात का अफसोस रहा कि वे लंबे समय तक इसका अभ्यास नहीं कर पाए। आगे उन्होंने कहा कि “अगर मैं टाटा संस का नेतृत्व नहीं कर रहा होता तो मैं एक सफल आर्किटेक्ट बनने की कोशिश करता।”

आर्किटेक्चर की पढ़ाई ने बिजनेस में किया मदद

मनीकंट्रोल के अनुसार, आर्किटेक्चर ने रतन टाटा को बिजनेस के लेन-देन में मानवतावाद की भावना पैदा करने में मदद की। इसके अलावाा उन्होंने यह भी कहा कि यह सोचना गलत होगा कि आर्किटेक्चर की डिग्री वाले किसी व्यक्ति के पास बिजनेस करने के लिए स्किल्स नहीं हो सकता। 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, रतन टाटा ने बताया  कि "आर्किटेक्चर  के पाठ्यक्रमों में चीजों को एक साथ रखने की क्षमता, एक बजट के आधार पर एक परियोजना चलाने की क्षमता, विभिन्न प्रकार की पेचीदगियों के बारे में अच्छी तरह से पढ़ाया जाता है।"

टाटा ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि बदलाव लाने के लिए उन्हें याद किया जाए

आपको बता दें कि पिछले साल, रतन टाटा ने इंस्टाग्राम कुछ सवालों के जवाब दिए थे। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि वह किसके लिए याद किया जाना पसंद करेंगे, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वे समाज को को बेहतर बनाने और समाज में एक साकारात्मक बदलाव लाने के लिए याद किया जाना चाहते हैं और जब उनसे उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने भारत में बच्चों को कुपोषण से शिकार होने से बचाने को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था।


Story- Priyaranjan Kumar

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