कजाकिस्तान में 2 जनवरी को एक प्रकार के वाहन के लिए ईंधन की कीमतों को लगभग दोगुना करने के बारे में प्रदर्शन शुरू हुए, जो तेजी से पूरे देश में फैल गया.
कजाकिस्तान में 2 जनवरी को एक प्रकार के वाहन के लिए ईंधन की कीमतों को लगभग दोगुना करने के बारे में प्रदर्शन शुरू हुए, जो तेजी से पूरे देश में फैल गया. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 2,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कजाकिस्तान में दंगे जारी हैं. स्थानीय लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके चलते वहां आपातकाल लगा दिया गया है. इस उपद्रव के कारण एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में जाने वाले 7 हजार से अधिक भारतीय छात्र वहीं फंस गए हैं. फिलहाल ये सभी छात्र छात्रावास में सुरक्षित हैं. लेकिन फोन नहीं होने के कारण ये छात्र घर पर बात नहीं कर पा रहे हैं.
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आपको बता दें कि कजाकिस्तान में 19 जनवरी तक आपातकाल लागू है. इसके चलते वहां भी नोटबंदी की जा रही है. प्रमुख मॉल और मुख्य सड़कों पर यातायात के लिए सेना को तैनात किया गया है. ऐसे में हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. कॉलेज भी पूरी तरह से बंद हैं.
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यहां करीब 10 विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं भारतीय छात्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय छात्र इस समय कजाकिस्तान के करीब दस विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं. इनकी संख्या करीब 7 हजार है. ये विश्वविद्यालय अल्माटी, अक्टोबे, सिंकेन, कोस्ताकौ, अस्ताना, सेमी, काठगंडा जैसे शहरों में स्थित हैं.