पत्रकार कप्पन सिद्दीकी जेल से हुए रिहा, देशद्रोह का लगा था आरोप

पत्रकार कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. जब वे हाथरस जा रहे थे, जहां एक दलित महिला की कथित रूप से बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.

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केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत मिल गई है. पत्रकार कप्पन दो साल से भी ज्यादा समय से लखनऊ की जेल में बंद थे. सिद्दीकी को जमानत के लिए अदालत में बंध पत्र (श्योरिटी) पेश करने के एक दिन बाद गुरुवार को जेल से रिहा किया गया है. कप्पन को दो मामलों ( हाथरस कांड में हिंसा फैलाने की कोशिश और मनी लॉन्ड्रिंग) में सजा सुनाई गई थी.

अक्टूबर 2022 में किया गया था गिरफ्तार 

गौरतलब है कि पत्रकार कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. जब वे हाथरस जा रहे थे, जहां एक दलित महिला की कथित रूप से बलात्कार के बाद मौत हो गई थी. आपको बता दें कि सिद्दीकी कप्पन को 2 साल 3 महीने 26 दिन जेल में बिताने के बाद रिहा किया गया है. यूपी सरकार ने कप्पन पर धार्मिक संघर्ष भड़काने की साजिश का हिस्सा होने और हाथरस मामले को लेकर राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.  हालांकि कप्पन ने आतंकी फंडिंग जैसे अन्य आरोपों से साफ इनकार किया है. उनका कहना है कि वो सिर्फ अपनी पत्रकारिता कार्य से हाथरस जा रहा था.

जानिए पूरा मामला 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के एक बूलगढ़ी गांव में एक दलित युवती के साथ दरिंदगी की गई थी और उसे जान से मारने की कोशिश हुई थी. दलित युवती की दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिला प्रशासन द्वारा महिला के गांव में देर रात उसका अंतिम संस्कार किया गया था, जिसके चलते योगी आदित्य नाथ सरकार की व्यापक निंदा हुई थी.


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