यास चक्रवात का असर ओडिशा और बंगाल के बाद झारखंड में दिखने लगा है.
यास चक्रवात का असर ओडिशा और बंगाल के बाद झारखंड में दिखने लगा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि झारखंड पश्चिम बंगाल से काफी सटा हुआ है. राजधानी रांची के अलावा पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिला समेत विभिन्न इलाकों में देर रात से ही तेज आंधी के साथ रूक-रूक कर बारिश हो रही है. रांची स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने आज पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा जिले में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है. जबकि कई जिलों में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी.
यास के मद्देनज़र कई महत्वपूर्ण गतिविधियों को भी राज्य में रोक दिया गया है. इतना ही नहीं यास तूफान को लेकर कई ट्रेनों का परिचालन तीन दिन के लिए रद्द किया गया है. इनमें हावड़ा-रांची एक्सप्रेस, रांची-हावड़ा एक्सप्रेस, हटिया-पुरी स्पेशल ट्रेन शामिल है.
बिजली विभाग भी अलर्ट है
तूफान को लेकर बिजली विभाग भी अलर्ट है. राज्य में विद्युत आपूर्ति के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस टीम का संचालन खुद झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय से हो रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग और टास्क फोर्स अलर्ट मोड पर है. अस्पताल और ऑक्सीजन प्लांट का बैकअप रखने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेस सभी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए हैं.
तूफान से निपटने के लिए टीमें तैनात
तूफान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रांची, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले में एनडीआरएफ की पांच टीमों की तैनाती की गयी है. विभिन्न जिलों में जिला प्रशासन की ओर से पंचायत भवनों और स्कूल भवनों को शेल्टर होम रूप में तब्दील कर दिया गया है और अगले दो दिनों तक के राशन, जेनरेटर और अन्य आधारभूत सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. जमशेदपुर और चाईबासा में अगले दो दिनों तक सभी दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. कंट्रोल रूम बनाये गये है और हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी है.
झारखंड में तीन दिन तक तक आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ेगी. राज्य सरकार इस मुद्दे पर पहले भी कई मीटिंग कर चुकी है.