आईपीएल का खिताब चौथी बार महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने नाम किया है. जानिए 20 मिनट में कैसे उन्होंने पलट दिया पूरा खेल.
इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल 2021 के खिताब को एमएस धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने नाम कर लिया है. शुक्रवार की शाम को हुए मैच में धोनी की टीम ने 27 रन से कोलकाता नाइट राइडर्स हराकर चौथी बार ये खिताब अपने नाम किया है. दोनों के बीच दुबई इंटनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मैच खेला गया था. चेन्नई के मैच के दौरान टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के जोरदार खेल ने कोलकाता को जीत के लिए 193 रनों का लक्षय दिया था. केकेआर के खिलाफ इयोन मोर्गन की अगुवाई वाली टीम ने 9 विकेट के नुकसान पर 165 रन ही बनाए और अपने तीसरे खिताब पाने से चूक गए.
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आसानी से बनाए रन
महेंद्र सिंह धोनी एक बेहतरीन कप्तान हैं इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है. ऐसा इसीलिए क्योंकि जब आईपीएल का फाइनल मैच चल रहा था उस वक्त ऐसा लगने लगा था कि चेन्नई हारने वाली है. लेकिन 20 मिनट के अंदर-अंदर ही धोनी ने कमाल का गेम पलट दिया. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं उन 20 मिनटों के बारे में विस्तार से यहां, जिसके बाद जीत का खिताब जीती चेन्नई सुपर किंग्स. वक्त था जब कोलकाता के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर का कैच धोनी से दो-दो बार छूट गया था. गिल आउट हुए गेंद ने स्पाइडर कैम को टच कर लिया और उसे डेड बॉल दे दिया. चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी भी निराश होने लगे थे. 10 ओवर बीत चुके थे और किसी भी बॉलर के हाथों विकेट नहीं लग रहे थे. वेंकटेशर अय्यर और शुभमग गिल ने इस मौके का फायदा उठाया और आसानी से रन बनाते चले गए.
धोनी ने नहीं मारी हार
इस मौके पर भी धोनी ने उम्मीद नहीं हारी. उन्होंने मौका देखते ही अपना तुरुप का इक्का फेंका, जोकि रहे शार्दुल ठाकुर. वो शार्दुल के पास गए और उनसे कुछ बातचीत की. फिर रवींद्र जडेजा को एक खास जगह पर फील्डिंग के लिए लगा दिया. दरअसल उन्होंने ऐसा इसीलिए किया क्योंकि शार्दुल के पहले ओवर में धोनी से कैच छूट गई थी. इस बात से शार्दुल काफी निराश हो गए थे. धोनी को पता लगा गया था कि टीम में नकारात्मक भावना आ चुकी है. इसके लिए वो शार्दुल के पास गए और अपने सबसे भरोसेमंद फील्डर को जहां पर लगाया था उसी के मुताबिक बॉल करने के लिए कहा. इसका परिणाम ये निकाला कि जैसे धोनी ने फील्ड सेट की थी उसके मुताबिक ही वेंकटेश अय्यर आउट हो गए. कैच जडेजा ने ही पकड़ा.
बहुत कम देखा गया है कि धोनी खुद चलकर बॉलर के पास जाते हैं. ऐसा ही कुछ इस मैच में भी हुआ. धोनी फिर से शार्दुल के पास पहुंचे. उन्होंने इस बार अपनी टीम के सबसे दमदार फील्डर रवींद्र जडेजा और फाक डुप्लेसिस को उन जगहों पर खड़ा कर दिया जो नीतीश राणा के स्ट्रॉन्ग एरिया थे. नतीजा ये निकला की राणा ने फाक डुप्लेसिस के झोली में वो बोल डाल दी.
बनाई धोनी ने अलग से रणनीति
इसके बाद बिना देरी किए धोनी ने अपनी टीम के सबसे काबिल गेंदबाज जॉस हेजलवुड को जिम्मेदारी सौंपी. जब नए बल्लेबाज मैदान में आए तो धोनी ने तुरंत ही खिलाड़ियों को वापस बुला लिया. इसका फायदा तब मिला जब सुनील नरेन सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए. अब धोनी के सामने बस दो ही खिलाड़ी मुसीबत बनकर आ रहे थे. एक ओएन मोर्गन और दूसरे दिनेश कार्तिक. इन दोनों के लिए भी धोनी ने अलग से एक रणनीति बनाई. ओएन जब-जब बैटिंग एंड पर आते बॉलर किसी तरह से उन्हें लंबे शॉट देने से रोकते ताकि वो रन न बना पाएं, लेकिन जैसे ही क्रीच पर दिनेश कार्तिक आते बॉलर ऐसी गेंदें फेंकते जिन पर लंबे शॉट भी लग सके लेकिन विकेट मिलने के चांस ज्यादा हो सकें. आखिरी में ऐसा ही हुआ कार्तिक रायडू को कैच वो थमा कर चलते बने.
कार्तिक के जाने के बाद भी धोनी की रणनीति वैसे ही रही जैसे की पहले थी. ज्यादा से ज्यादा उन बेल्लेबाजों का टारगेट किया गया जो नए आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर मोर्गन को तो रन ही नहीं बनाने दिया गया. धोनी ने जैसे-जैसे चाहा वैसे-वैसे होता रहा. जहां एक तरफ मोर्गन यूं ही खड़ रहे तो दूसरी ओर से शाकिब अल हसन, राहुल त्रिपाठी भी आउट हो गए. जहां कोलकाता का एक भी विकेट 10.3 ओवर में नहीं गिरा था. उसी कोलकाता का स्कोर 15.4 ओवर में 123 रन हो चुका था. 7 विकेट गिर चुके थे. ये पूरी कहानी धोनी ने 20 मिनट में ही रच डाली.