आजाद भारत के पहले मतदाता मास्टर श्याम शरण नेगी का 106 की उम्र में निधन हो गया है. हिमाचल प्रदेश के कल्पा में अपने घर पर मास्टर नेगी ने अंतिम सांस ली. शरण नेगी ने अपना पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को डाला था.
आजाद भारत के पहले मतदाता मास्टर श्याम शरण नेगी का 106 की उम्र में निधन हो गया है. हिमाचल प्रदेश के कल्पा में अपने घर पर मास्टर नेगी ने अंतिम सांस ली. इस बात की जानकारी किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन ने दी. बता दें श्याम शरण नेगी स्वतंत्र भारत देश में हुए पहली बार चुनाव में वोट डाले थे. अभी बीते 2 नवंबर को ही बैलेट पेपर के जरीय मास्टर नेगी 2022 विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था. मास्टर नेगी ने 34वीं बार अपने जीवन में 2 तारीख को मतदान किया था. वोट डालने के बाद श्याम शरण ने कहा था कि मतदान लोकतंत्र का महापर्व होता है. हम सभी को मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए.
सीएम जयराम ठाकुर और पीएम मोदी ने जताया दुख
मास्टर श्याम सरण की मृत्यु पर सीएम जयराम ठाकुर ने दुख जताते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि, स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं. उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी.ॐ शांति! ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें.
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे उम्रदराज मतदाता नेगी की तारीफ करते हुए कहा था कि इससे नई पीढ़ी के लोग मतदान के लिए प्रेरित होंगे. वहीं श्याम सरन नेगी के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है.
25 अक्टूबर 1951 में किए थे मतदान
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी ने अपना पहला वोट 1951, 25 अक्टूबर को डाला था. भारत का पहला चुनाव फरवरी 1952 में हुआ था, लेकिन हिमाचल में सुदूर, आदिवासी इलाकों में खराब मौसम के वजह से और सर्दियों के कारण मतदान करना असंभव था. ऐसे में वहां वोटिंग 23 अक्टूबर 1951 में 5 महीने ही करवानी पड़ी. तब श्याम शरण नेगी स्कूल में अध्यापक थे और चुनावी ड्यूटी पर थे. ऐसे में वह केंद्र पर सबसे पहले पहुंचे और वोट किए. इसके बाद उन्हें बताया गया कि सबसे पहले उन्होंने ही वोट किया है.