भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस साल के टोक्यो ओलंपिक्स में इतिहास रच दिया है
भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस साल के टोक्यो ओलंपिक्स में इतिहास रच दिया है, भारतीय महिला हॉकी टीम का खेल प्रदर्शन सराहनीय है, टोक्यो ओलंपिक्स में 10 वां दिन भारतीय टीम के लिए बहुत ही खास था. शटलर पीवी सिंधु ने भारत के लिए तीसरा मेडल पक्का कर लिया है. तो वहीं दूसरी ओर भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 49 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, जिसके बाद आज यानि 11 वें दिन भारतीय महिला हॉकी टीम की शुरुवात अच्छी नहीं थी, 200 मीटर हीट में धावक दुती चंद आखिरी स्थान पर रहकर बाहर हो गईं. लेकिन इस साल पहली बार महिला टीम ने सेमीफइनल में जाहस बनाई थी. क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर रानी रामपाल की टीम ने इतिहास रच दिया है.
भारतीय महिला टीम में डिस्कस थ्रो में मैडल लाने की पक्की दावेदार मानी जाने वाली कमलप्रीत कौर पदक हासिल करने में विफल रही हैं. कमलप्रीत कौर फाइनल में छठे स्थान पर रहीं हैं, पर इसके बावजूद कमलप्रीत इतिहास रचने में सक्सेस हुई हैं. भारतीय महिला टीम की ओर से डिस्कस थ्रो में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय प्लेयर बनीं हैं. उनसे पहले कृष्णा पूनिया 7वें नंबर पर रही थीं. वहीं विकास गौड़ा 8वें नंबर पर रहे थे.
आपको बता दें भारत की ओर से फवाद मिर्जा ने अपने घोड़े सिगन्योर मेडिकॉट के साथ ओलंपिक की घुड़सवारी स्पर्धा के व्यक्तिगत इवेंटिंग वर्ग के जंपिंग फाइनल्स में एंट्री ले ली थी. ड्रेसेज दौर में नौवें स्थान पर रहे फवाद को जंपिंग दौर में आठ पेनल्टी पॉइंट मिले. उनके कुल पेनल्टी पॉइंट 47.2 रहे और फवाद 25वें स्थान पर थे. अब फाइनल राउंड में 25 घुड़सवार उतरेंगे ये मैच शाम को होगा. फवाद मिर्जा दो दशक में घुड़सवारी में भाग लेने वाले पहले भारतीय प्लेयर हैं.