एक बार फिर से भारतीय लोगों के लिए बेहद ही गर्व का क्षण इस वक्त सामने आया है। इससे जुड़ा काम किसी और ने नहीं बल्कि राजा चारी ने किया है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 2024 के अपने मून मिशन के लिए 9 दिसंबर को 18 अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की थी। उनमें से एक है भारतीय मूल के अमेरिकी राजा चारी। 43 साल के राजा को 2007 में एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास के लिए चुना गया था। बाद में वो अगस्त के महीने में इसी साल जुड़ गए थे। फिर उन्होंने शुरुआती ट्रेनिंग पूरी की थी। अब वो पूरी तरह से चंद्र मिशन के लिए तैयार है। इस मिशन के लिए जो यात्री चुने गए हैं उनमें से ज्यादातर सदस्यों की उम्र 30 से 45 साल के बीच है। लेकिन आइए हम आपको बताते कौन है एस्ट्रोनॉट राजा चारी और कैसे वो करने वाले अमेरिका और भारत का नाम रोशन?
- भारतीय मूल से ताल्लुक रखने वाले एस्ट्रोनॉट राजा चारी का पूरा नाम राजा जॉन वुरपुतूर चारी है।
- राजा चारी का जन्म 24 जून, 1977 को मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन में हुआ था।
- उनके पिता का नाम श्रीनिवास वी चारी और मां का नाम पैगी एग्बर्ट है। जोकि हिंदू है।
-राजा चारी के परिवार के बहुत से लोग अभी भी भारत में ही रहते हैं
- 2006 में वो भारत आखिरी बार गए थे इस बात की जानकारी उन्होंने एक वेबसाइट के जरिए बताई थी।
- भारत खाना राजा चारी को बेहद ही पसंद है। इतना ही नहीं उनका पूरा परिवार ह्यूस्टन में भी भारतीय रेस्तरां में खाना खाता है।
-मूलत हैदराबाद के रहने वाले राजा के पिता का ये मानना था कि भारत में स्कूल जाना और शिक्षा प्राप्त करना एक अधिकार नहीं बल्कि विशेषता है।
- 1999 में राजा ने अमेरिकी वायु सेना अकादमी से अपनी एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग विज्ञान में ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
- इतना ही नहीं उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में चार्ल्स स्टार्क ड्रेपर प्रयोगशाला में फेलोशिप हासिल की थी।
- बाद में राजा चारी ने स्वाचलित कक्षीय मिलन स्थल का भी अधय्यन किया।
- राजा ने वैमानिकी में मास्टर की डिग्री तक हासिल की हुई है।
- वो वाटरलू शहर में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं।
- बहुत कम लोगों को ये पता है कि वो अमेरिकी वायु सेना के लिए इराक युद्ध के वक्त एफ-15 ई के लड़ाकू विमान की उड़ाने भी भर चुके हैं।
- 2013 में उन्होंने पहली बार नासा के लिए कोशिश की थी, लेकिन उस बार वो नहीं चुने गए थे।
2024 में पहली बार कोई महिला रखेगी कदम
नासा का जो ये अभियान है उसके मुताबिक 2021 में चांद की सतह पर पहली बार कोई महिला अपने कदम रखने वाली है। इसी संदर्भ में चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फोरेस्टर का कहना है कि चांद की सतह पर चलना किसी सपने के पूरे होना जैसा होगा। इस अभियान में किसी भी तरह की भूमिका को निभाना हमारे लिए बेहद ही गर्व की बात है।