अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर भारत सरकार और 'रुको और देखो' की नीति पर काम कर रही है. हालांकि अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का मिशन युद्ध स्तर पर चल रहा है.
रेडियो पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में तालिबान के नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान अपनी सरकार सुचारु रूप से चला सकते है. उन्होंने भारत को चेतावनी दी है कि वो अफगानिस्तान के आंतरिक मामलो में दखल न दे.
Taliban have taken strong exception to the recent statement made by Indian Prime Minister Narendra Modi that they cannot run a governmenthttps://t.co/r2udoraLDA
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) August 26, 2021
तालिबान के नेता ने यह भी कहा कि पाकिस्तान उनका पडोसी और मित्र देश है. पाकिस्तान को उन्होंने शुक्रिया भी अदा किया क्योकि पाकिस्तान ने 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों को रहने की जगह दी. इसके साथ उन्होंने कहा कि वे सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखना चाहते है.
नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था
आपको बता दे पिछले दिनों गुजरात के सोमनाथ में परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए पीएम ने आतंक की सत्ता के बारे में बात करी. उन्होंने सीधे सीधे तालिबान का नाम नहीं लिया था लेकिन पीएम मोदी का कहना था,'आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है, वो किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाए, लेकिन अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता. वो ज़्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकता.'
अब तालिबान ने इसी बयान पर एक टिप्पणी दी है.
भारत और तालिबान
भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते पिछले 20 सालों में बेहतर रहे है लेकिन तालिबान के आने के बाद से ये ख़राब होते हुए नज़र आ रहे है. दूसरी और तालिबान ने पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि अफगानिस्तान ने अब गुलामी की सारी जंजीरे तोड़ दी है.
दूसरी और चीन ने भी तालिबान के सत्ता में आने का स्वागत किया है और दोस्ती की तरफ हाथ बढ़ाया है. अफगानिस्तान को लेकर भारत की दुविधा कई तरह की है.
गुरुवार को अफगानिस्तान के मसले को लेकर भारत में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गयी, जिसे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबोधित किया. बैठक के बाद उन्होंने कहा फ़िलहाल प्राथमिकता वहाँ से लोगो को निकालने की है.