भारतीय सेना की ओर से फ्यूचरिस्टिक इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल यानि एफआईसीवी को खरीदने का टेंडर जारी किया गया है.
नई दिल्लीः एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने फ्यूचरिस्टिक इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल यानि एफआईसीवी को खरीदने के लिए टेंडर निकाला है. मेक इन इंडिया के तहत 1750 एफआईसीवी खरीदने का प्लान है, जिसके तहत एक हफ्ते के भीतर इच्छुक वेंडर्स को अपना जवाब सेना मुख्यालय को देना है.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत फ्यूचरिस्टिक इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ट्रैक्ड) के लिए एक लंबे से अटके प्रोजेक्ट के लिए आरएफआई यानि रिक्यूस्ट फॉर प्रपोज़ल जारी कर दिया. हालांकि, सेना ने ये नहीं बताया है कि कितनी एफआईसीवी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में 1750 एफआईसीवी का ऑर्डर दिया जाएगा.
व्हीकल में एंटी टैंक मिसाइल भी
आरएफआई के अनुसार, इन कॉम्बेट व्हीकल्स को भारत की उत्तरी सीमाओं यानी लद्दाख, मध्य और सिक्किम सेक्टरों में ऑपरेशन्स के लिए तैनात किया जाएगा. इन एफआईसीवी का इस्तेमाल सैनिकों के तेजी से मूवमेंट करने और टैंकों के खिलाफ किया जाता है. इन कॉम्बेट व्हीकल्स में 8-10 सैनिक अपने हथियारों के साथ तैनात रह सकते हैं. इसके अलावा मशीन-गन और एटीजीएम यानि एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल से भी लैस रहती हैं.
सेना के मुताबिक, इस प्रतिष्ठित और 'बिग-टिकट' प्रोजेक्ट में भाग लेने के इच्छुक वेंडर्स को एक सप्ताह के भीतर अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए कहा गया है. जानकारी के मुताबिक, ये नई एफआईसीवी सेना की '80 के दशक की पुरानी BMP-2 ('सारथ')व्हीकल्स की जगह लेंगी. भारतीय सेना फिलहाल रूस की डिजाइन की हुई बीएमपी (बोयइवाया मशीनिका पेखोटी) व्हीकल्स इस्तेमाल करती है.