कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ी यात्रा शुरू की है. पांच महीने के इस लंबे सफर में कांग्रेस नेता कन्याकुमारी से कश्मीर तक 12 राज्यों का दौरा करेंगे. कांग्रेस के इस दौरे का मकसद सिर्फ बीजेपी को चुनौती देना ही नहीं बल्कि उसके अस्तित्व
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कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ी यात्रा शुरू की है. पांच महीने के इस लंबे सफर में कांग्रेस नेता कन्याकुमारी से कश्मीर तक 12 राज्यों का दौरा करेंगे. कांग्रेस के इस दौरे का मकसद सिर्फ बीजेपी को चुनौती देना ही नहीं बल्कि उसके अस्तित्व को बचाना भी है. क्या इस यात्रा से पूरा होगा कांग्रेस जोड़ो का मकसद? क्या दूर होगी असंतुष्ट पार्टी की नाराजगी? इसके अलावा विपक्षी दलों के सामने खुद को साबित करने की चुनौती भी है. कांग्रेस की यह यात्रा 3500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी. इस दौरान यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. कांग्रेस अपनी यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर जाएगी. राहुल गांधी पिछले लगभग चार दशकों में कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने वाले पहले नेता होंगे.
कन्याकुमारी से शुरू होगी यात्रा
यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे. उनके पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की इसी स्थान पर हत्या कर दी गई थी. यहां वह उन परिवारों से भी मिलेंगे, जिनके परिवार के सदस्य राजीव गांधी के साथ उस विस्फोट में मारे गए थे. इसके बाद वह कन्याकुमारी जाएंगे, जहां से यह यात्रा शुरू होगी. राहुल गांधी ने आज तमिलनाडु के कन्याकुमारी के श्रीपेरंबदूर इलाके से भारत जोड़ी यात्रा की शुरुआत की. यह स्थान पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह स्थान है जहां देश के पूर्व पीएम और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी की हत्या हुई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इस यात्रा को दूसरा स्वतंत्रता संग्राम करार दिया है. पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने भी इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया और उम्मीद जताई कि 3,500 किलोमीटर की पैदल यात्रा पार्टी को फिर से जीवंत करने में मदद करेगी.
सड़क पर रात गुजारेंगे
यह यात्रा अगले 150 दिनों में 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. तमिलनाडु से यह केरल जाएगा और कर्नाटक में प्रवेश करेगा. यह मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरेगी, जहां अगले साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. यात्रा के साथ जाने वाले नेता यात्रा के रुकते ही सड़क पर रात गुजारेंगे. आखिरी बार ऐसी यात्रा 1980 के दशक में हुई थी, जब जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कन्याकुमारी से दिल्ली तक देश भर की यात्रा की थी तब वे 56 वर्ष के थे.
लोगों को एकजुट करने का मिशन
कांग्रेस के लिए अपने कबीले को एकजुट करने और उसे टूटने से बचाने के लिए यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है. जी-23 के प्रमुख नेता आनंद शर्मा ने भारत जोड़ी यात्रा के लिए समर्थन दिखाया है. उन्होंने ट्वीट किया, "भारत जोड़ी यात्रा भारत के समावेशी लोकतंत्र को कायम रखने, अन्याय, असमानता और असहिष्णुता के खिलाफ लोगों को एकजुट करने का मिशन है. साथ ही राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी है. आनंद शर्मा के अलावा राज बब्बर और मुकुल वासनिक ने कांग्रेस की इस यात्रा को भी अपना समर्थन दिया.
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