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हरियाणा में करनाल जिले के लघु सचिवालय पर किसानों नें धरना-प्रदर्शन दिया हुआ है.किसानों की जिला प्रशासन से हुई 2 बार कि वार्तालाप विफल रही. शुक्रवार को एक बार फिर से हुई बातचीत थोड़ी सकारात्मक साबित हुई. तीसरे दौर के बातचीत में एसीएस देवेंद्र सिंह भी मौजूद थे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि उनकी कल की मीटिंग अच्छी रही, कुछ बातों पर सहमति बनी है, और आगे की बात आज की बैठक में किया जाएगा. किसानों का मानना है कि अब हम उम्मीद कर सकते है कि आगे भी बातचीत अच्छी और सकारात्मक होगी.
हालांकि, कुछ दिनो पहले हुई सी एम मनोहर लाल कट्टर के सभा में ही किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया था, जिसमे लाठीचार्ज करना प़डा था, और एक किसान की मौत भी हो गई थी. इस बात के ऊपर भी किसान प्रदर्शनीकारी भड़के हुए हैं.
इस लाठीचार्ज के बात किसानों की मांग और बढ़ गई हैं, उनकी अब 3 मांगे है, जिसमें पहला है कि लाठीचार्ज का ऑर्डर देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा और उनके अधिकारी को बर्खास्त किया जाए और FIR दर्ज हो. दूसरी मांग है कि जिस किसान की मौत हुई है उसके घरवालों को 25 लाख रुपया दिया जाए और साथ ही साथ 1 आदमी को सरकारी नौकरी और तीसरी ये डिमांड हैं कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए. किसानो ने यह सारी मांगे को पूरा करने का अंतिम तारीख 6 सितंबर को ही दिया था. लेकिन सरकार ने ऐसे मांगों को साफ़ तौर पर मना कर दिया और तभी से किसान लघु सचिवालय पर धरना देने लगे.
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