बिहार पुलिस ने शव के लिए बोली 40 हजार में अस्पताल से कराया सौदा, वायरल वीडियो से हड़कंप

बिहार में पुलिस अब लाश का सौदा (सुपौल पुलिस डील द डेड बॉडी) कराने में लगी हुई है. चार साल के बच्चे की मौत का सौदा 40 हजार में किया गया था.

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बिहार में पुलिस अब लाश का सौदा (सुपौल पुलिस डील द डेड बॉडी) कराने में लगी हुई है. चार साल के बच्चे की मौत का सौदा 40 हजार में किया गया था. यह सुनकर जरूर हैरानी होगी, लेकिन सुपौल जिले के सदर थाने के एसएचओ मनोज कुमार महतो, एसएचओ मनोज कुमार महतो और अतिरिक्त थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने ऐसा ही किया है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

पुलिस ने 40 हजार में कराया शव का सौदा

सुपौल पुलिस ने 40 हजार रुपए में डॉक्टर और परिवार के बीच सेटिंग कराई। मौत हो गई. कोई शिकायत नहीं और कोई कार्रवाई नहीं. मौके पर निरीक्षक जी ने मामले का फैसला किया. जबकि परिजन इस प्रबंधन से खफा थे. लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण उनमें से एक ने भी काम नहीं किया. हालांकि इस वीडियो के मामले में सदर एसडीपीओ ने जांच कर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.

सुपौल के लाइफ लाइन अस्पताल में 'कांड'

सुपौल के नया नगर में लाइफ लाइन अस्पताल है. इसके बोर्ड पर डिग्री से लेकर डॉ. घनश्याम सिंह, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. निमित कुमार, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. अजय कुमार कुंदन और डॉ. डीके मिश्रा जैसे नामी डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा हुआ है. लाइफ लाइन अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के साथ-साथ आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा देने का दावा करता है. यह सब उनके बड़े बोर्ड पर लिखा हुआ है और इस जीवन रेखा अस्पताल में शव का इलाज किया गया था.

अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

दरअसल बुधवार को सदर थाना क्षेत्र के कुम्हेत गांव निवासी विनोद यादव के चार वर्षीय पुत्र को सर्दी-खांसी की शिकायत पर सुपौल के लाइफ लाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मरीज के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में उसका इलाज रात 10 बजे तक चला.  जिसके बाद डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई. इस दौरान अस्पताल वालों को मरीज के परिजनों से करीब 60-70 हजार रुपये का बिल जमा कराया. जिसके बाद रात 12 बजे मरीज के परिजनों को बच्चे की मौत की सूचना देकर अस्पताल को बंद कर दिया गया.

शव मांगने पर परिजनों की पिटाई

मरीज के परिजनों ने बच्ची का शव मांगा तो वहां मौजूद अस्पताल कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी. शव को एंबुलेंस में डालकर दूसरी जगह भेज दिया गया. जिसके बाद सुबह परिजन अपने कुछ ग्रामीणों के साथ अस्पताल पहुंचे. तब तक पुलिस भी बिन बुलाए मेहमान की तरह मामले को संभालने के लिए वहां पहुंच गई.

डॉक्टर और पुलिस की मौजूदगी में शव की बोली

सुपौल के लाइफ लाइन अस्पताल के डॉक्टरों और पुलिस ने मिलकर लाश के लिए बोली लगाई. परिवार के साथ मौजूद किसी भी व्यक्ति के फोन-पे पर तत्काल 20 हजार ट्रांसफर कर दिए गए. तब पुलिस ने 20 हजार नकद लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया. जिसके बाद परिजन बच्चे का शव सदर थाने से प्राप्त कर सके. इन सभी हरकतों का वीडियो कैमरे में कैद हो गया है. इस वीडियो में सदर थाना प्रभारी मनोज कुमार महतो और एडिशनल एसएचओ विनोद कुमार सिंह नजर आ रहे हैं. इस संबंध में सदर एसडीपीओ कुमार इंदर प्रकाश का कहना है कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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