त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है दीपावली भैया दूज गोवर्धन पूजा के बाद छठ पर्व शुरू हो जाएगा हमारे भारतवर्ष में छठ का पर्व छठ पूजा धार्मिक भावनाओं के साथ मनाया जाता है।
त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है दीपावली भैया दूज गोवर्धन पूजा के बाद छठ पर्व शुरू हो जाएगा हमारे भारतवर्ष में छठ का पर्व छठ पूजा धार्मिक भावनाओं के साथ मनाया जाता है। महिलाएं व्रत के दौरान बहुत सी चीजों का ध्यान रखते हैं, लेकिन जो महिला इस व्रत को पहली बार कर रही हैं उनके लिए जानने योग्य बातें इस प्रकार है छठ का पर्व 4 दिन का होता है जिसे भारत का सबसे कठिन और पावन पर्व माना जाता है। इस पर में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। सूर्य देव और छठी मैया को प्रसन्न कर उनकी पूजा की जाती है और अर्घ दिया जाता है। यह व्रत महिलाएं परिवार की खुशहाली पति और पुत्र की लंबी आयु के लिए रखते हैं। छठ पर्व की धूम बेहद होती है लेकिन सबसे ज्यादा उत्तर भारत बिहार में इसका उत्साह देखने को मिलता है ऐसे में अगर आप पहली बार छठ की पूजा करने जा रही हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
खाने में कद्दू की सब्जी
छठ पूजा 7 नवंबर से शुरू हो रही है। पहला दिन नहाय खाई के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन पूरे घर की सफाई की जाती है। नहाने के बाद साफ खाना बनाया जाता है। भोजन ग्रहण करने के बाद व्रत की शुरुआत की जाती है। मान्यता के अनुसार छठ के व्रत में खाने में कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का सेवन करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि व्रत रखने वाले व्यक्ति के भोजन करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों को भोजन करना चाहिए।
गन्ने के रस से बनी चावल
कार्तिक शुक्ल की दूसरे दिन यानी पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को भोजन करते हैं। खरना के अवसर पर गन्ने के रस से बनी चावल की खीर, चावल का पिट्ठा और घी-चुपड़ी की रोटी प्रसाद के रूप में बनाई जाती है। इसे प्रसाद के रूप में सभी के बीच बांटा जाता है। प्रसाद में नमक और चीनी दोनों का प्रयोग वर्जित है।