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पितृदोष एक ऐसा दोष होता है जिसकी वजह से व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा परेशान ही रहता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष लग जाता है उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि, हमारी कुंडली में नया घर धर्म का होता है यह घर पिता का भी माना गया है। अगर इस घर में राहु, केतु और मंगल बैठ जाते हैं तो इसका संकेत होता है कि पितृ दोष लगा हुआ है। पितृ दोष को दूर करने के लिए पिंडदान और श्राद्ध के अलावा आपको कुछ मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। पितृ दोष की वजह से मानसिक पीड़ा, अशांति, धन की हानि, ग्रह कलेश जैसी परेशानियां होती है।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ पितृ देवताभ्यो नमः
ॐ श्री पितृभ्यः नमः
ओम श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ओम प्रथम पितृ नारायणाय नमः.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
कब से शुरू हुआ पितृपक्ष
साल 2024 का पितृपक्ष 27 सितंबर से शुरू हो चुका है और यह दो अक्टूबर को समाप्त होगा। पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है ताकि पितर प्रसन्न हो जाएं। इन 16 दिनों के अंदर पितरों का श्राद्ध किया जाता है ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। अगर आप इन मंत्रों का जाप करते हैं, तो पितृ दोष से मुक्ति के साथ-साथ आपका भाग्य भी खुल जाता है।
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